मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ बुधवार को एक अन्य मामले में सजा का ऐलान कर दिया गया। बुधवार को वाराणसी एमपी- एमएलए कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी की। दोपहर बाद 3 बजे कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उम्र कैद की सजा सुना दी है।
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इसके अलावा पूर्व विधायक पर दो लाख दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले मंगलवार को कोर्ट ने माफिया को 36 साल पुराने फर्जी शस्त्र लाइसेंस और जालसाजी के मामले में दोषी करार दिया। मुख्तार पर फर्जी तरीके से डबल बैरल बंदूक का लाइसेंस हासिल करने के मामले में विशेष एमपी- एमएलए कोर्ट के जज अवनीश गौतम की कोर्ट ने पूर्व विधायक को दोषी करार दिया है। मुख्तार को आईपीसी की धारा 428, 467, 468, 120बी और आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत आरोप सिद्ध होने के बाद दोषी करार दिया।

क्या था वह मामला?
मुख्तार अंसारी के खिलाफ फर्जी लाइसेंस का मामला सामने आया था। दरअसल, मुख्तार ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर डीएम को प्रार्थना पत्र दिया था। तत्कालीन डीएम और एसपी के फर्जी साइन से प्रार्थना पत्र को मंजूरी दिला दी गई। इस आधार पर लाइसेंस ले लिया गया था। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सीबीसीआईडी ने 4 दिसंबर 1990 को गाजीपुर में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच के खिलाफ केस दर्ज कराया। तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार के खिलाफ केस दर्ज होने के सात साल बाद वर्ष 1997 में आरोप पत्र दाखिल किया गया। सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मौत हो गई।
61 केस में नामजद है मुख्तार
मुख्तार अंसारी को यूपी के गैंगस्टर की सूची में रखा गया है। इंटर स्टेट 191 गैंग गिरोह के सरगना मुख्तार पर वाराणसी, गाजीपुर समेत कई स्थानों पर संगीन धाराओं में 61 केस दर्ज किए गए हैं। गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के गिरोह आईएस 191 को 14 अक्टूबर 1997 को गैंग के रूप में रजिस्टर किया गया। उस समय गिरोह के 22 सदस्य थे। अभी इसमें 19 सदस्य बचे हैं। अब तक मुख्तार, अफजाल अंसाी और गिरोह के अन्य सदस्यों के कुल 170 हथियार के लाइसेंस को रद किया गया है। मुख्तार अभी बांदा जेल में बंद है। आर्म्स एक्ट के उल्लंघन पर सात साल से लेकर आजीवन कारावास का प्रावधान है। 2022 से अब तक मुख्तार को 8 मामलों में सजा हो चुकी है।









