अक्षरविश्व की खबर का असर ….. शिप्रा नदी की सफाई के लिए निगम अमला उतरा

By AV News

आमजन भी सहयोग के लिए आगे आए

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन शिप्रा नदी में कान्ह का दूषित पानी मिलने के कारण पीएचई द्वारा स्टॉपडेम के गेट खोलकर पानी आगे बहाया जा रहा है जिससे नदी का जल स्तर रामघाट पर 4 फीट से नीचे चला गया है। इसी के चलते घाटों की सफाई और लोगों के सीढिय़ों से फिसलकर घायल होने का समाचार अक्षरविश्व द्वारा मंगलवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। परिणाम यह कि बुधवार सुबह से नगर निगम ने अतिरिक्त कर्मचारी लगाकर घाटों की सफाई का अभियान शुरू किया गया वहीं नदी के आसपास दुकान संचालित करने वाले व्यापारियों ने भी श्रमदान कर नदी की सफाई में सहयोग दिया।

ऐसे बदला नदी का नजारा

पीएचई अफसरों का दावा है कि शिप्रा नदी को त्रिवेणी से लेकर छोटे पुल तक स्टापडेम के गेट खोलकर पानी को आगे बहाएंगे और बाद में नर्मदा का पानी पाइप लाइन से लाकर नदी में साफ पानी स्टोर किया जाएगा। पिछले तीन दिनों से रामघाट तक के सभी स्टॉपडेम के गेट खोलने से नदी में पानी का लेवल 4 फीट तक कम हो गया था।

इस कारण बाढ़ में बहकर आये पेड़ों के तने, विसर्जित मूर्तियों के स्ट्रक्चर, बैरिकेड्स पानी से बाहर दिखने लगे। इधर घाट की सीढिय़ों पर काई जमी होने के कारण यहां स्नान के लिये आने वाले लोग फिसलकर घायल हो रहे थे। अक्षरविश्व द्वारा इस आशय का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया गया तो बुधवार सुबह रामघाट से छोटे पुल तक नजारा बदला था।

नदी के बीच की गंदगी कैसे हटेगी…

नदी के बीच में लोहे के बड़े बड़े बैरिकेड्स, बाढ़ में बहकर आए पेड़ों के तने, मूर्तियों के स्ट्रक्चर दिख रहे हैं। इन्हें हटाने की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। नदी में प्रतिदिन स्नान के लिये आने वाले लोग बताते हैं कि बेरिकेड्स और मूर्तियों के स्ट्रक्चर नदी में नहाने वालों के लिए दुर्घटना का कारण बनते हैं। अभी नदी का पानी कम हो चुका है ऐसे में नगर निगम अफसरों को मशीनों का उपयोग कर नदी से इन्हीं हटाना चाहिये।

यह बोले लोग

घाट पर पूजन कार्य कराने वाले पंडित आनंद गुरु लौटावाला ने बताया मोक्षदायिनी मां शिप्रा में स्नान के लिए देश-विदेश के लोग प्रतिदिन बड़ी संख्या में आते हैं। नदी का पानी कम होने पर सीढिय़ों पर काई के कारण लोग फिसलकर घायल हो रहे थे। इस कारण श्रमदान कर सफाई अभियान में सहयोग दिया।

यहां पूजन प्रसाद सामग्री की दुकान संचालित करने वाले सोनू सेन ने बताया कि छोटे पुल से नृसिंहघाट के बीच 50 से अधिक दुकानें संचालित होती हैं। व्यापारियों ने मिलकर घाट पर जमी काई हटाने के लिए श्रमदान किया। इस दौरान संसाधन नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराये गये थे।

रामघाट सफाई व्यवस्था प्रभारी नीरज फतरोड़ ने बताया कि नदी में पानी का लेवल कम होने से विशेष सफाई अभियान चलाकर काई हटाने के साथ ही घाटों की भी सफाई कराई जा रही है। बुधवार सुबह अतिरिक्त कर्मचारी लगाये गये हैं।

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