हास्य व्यंग्य के बुक्काफाड़ आयोजन में कवियों का झाडू और चिमटे से स्वागत

उज्जैन। महामूर्ख दिवस 1 अप्रैल को ओम हास्याय नम: के तत्वावधान में हास्य व्यंग्य का बुक्का फाड़ आयोजन एक घंटा (६० मिनट) घंटाघर के नीचे के फ्रीगंज में आयोजित किया गया। उज्जैन के विकास के प्रतीक 155 किलो वजन के मुख्य अतिथि हास्य भेरू सुदर्शन आयातित को ढोल ढमाके के साथ लाया गया। भव्य तोंद का रिबिन खोलकर पूजन किया गया। धुंआधार कवियों का झाड़ू, चम्मच, चिमटे, पाइप, झब्बी की माला से स्वागत किया गया।
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फ़ुरसतिया भाषण (स्वागत भाषण) दिनेश विजयवर्गीय दयावान ने परोसा… बढलो भाषण (आभार प्रदर्शन) प्रवीण मादुस्कर ने मुस्कुराया… घंटा बजाकर कवि समर्थ भावसार ने ठहाकों की सुनामी लहर की चेतावनी दी। संयोजक स्वामी मुस्कुराके ने भारत में व्याप्त नई बीमारी मोदिया बिंद का जिक्र करते हुए.. हास्य के टॉनिक पिलाये…।
कवि दिनेश दिग्गज, कवि सुरेंद्र सर्किट, सतीश सागर, मालवी कवि विक्रम विवेक, कुमार संभव, विजय गोपी ने हास्यपूर्ण रचनाओं से सबको गुदगुदाया। कवियों का स्वागत रूप पमनानी, राजेशसिंह कुशवाह, शशांक दुबे, हरीश कुमार सिंह, चंद्रेश मंडलोई, प्रबोध पंड्या, संतोष सुपेकर, रवि नगाईच, सुगनचंद जैन, पी एन शर्मा, अजय आगरकर, किशोर जोशी, स्वदेश उपाध्याय, अनिल बारोड, आर एस चौहान, नंद किशोर, अनिल पांचाल ने किया।