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डिजीटल अरेस्ट का भय दिखाकर ठगी करने वाले पांच गिरफ्तार

अंतरराज्यीय गिरोह बिहार-यूपी में बैठकर देता था वारदात को अंजाम,

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अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा, डिजिटल करंसी का भी किया उपयोग

 

आरोपी 8वीं से बीएससी तक पढ़े लिखे, 4 से 5% कमीशन मिलता था

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:12 अप्रैल को व्यवसाय़ी फरियादी राजकमल परिवर्तित नाम निवासी उज्जैन द्वारा पुलिस अधीक्षक को बताया कि अज्ञात मोबाइल धारकों द्वारा अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल कर जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के द्वारा किए गए फ्रॉड का रुपया फरियादी बैंक खाते में आना बताया एवं उसका प्रकरण सीबीआई में दर्ज होना बताया, जिसका इनवेस्टीगेशन सीबीआई के द्वारा किया जा रहा है।

कॉलर के व्हाट्स-अप पर महाराष्ट्र पुलिस का लोगो लगा है तथा व्हाट्स-अप पर उन्होंने गर्वमेंट ऑफ इंडिया के विभिन्न विभागों के लेटर पर दिया गया अरेस्ट ऑर्डर, गोपनीय समझौतों की सहमति का एग्रीमेंट एवं सीबीआई के अधिकारी के हस्ताक्षरित लेटर फरियादी को भेजे गए। गिरफ्तारी के डर से फरियादी ने आरटीजीएस के माध्यम से दो करोड़ रुपए जालसाजों के द्वारा दिए गए पंजाब नेशनल बैंक शाखा नालंदा के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।

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आरोपियों द्वारा फरियादी को इस बात का विश्वास दिलाया गया कि जैसे ही प्रकरण में यह बात क्लीयर हो जाएगी की नरेश गोयल का धोखाधड़ी का रुपए फरियादी के खाते में नहीं आया है फरियादी को उसका पूरे रुपए वापस कर दिए जाएंगे। पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) गुरु प्रसाद पाराशर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पूर्व) जयंत राठौर के मार्गदर्शन में सीएसपी माधवनगर के नेतृत्व में थाना प्रभारी माधवनगर, सायबर प्रभारी को घटना के संबंध में अपराध दर्ज कर आरोपियों की त्वरित गिरफ्तारी करने के लिए निर्देशित किया गया।

दो करोड़ रुपये प्रायवेट कंपनी में हुए थे ट्रांसफर

थाना माधव नगर, आईटी सेल, साइबर सेल, क्राइम ब्रांच की टीमों को तकनीकी जानकारी एकत्रित करने, आरोपियों की पहचान करने के लिए एक टीम गठित की गई। पुलिस ने घटना में उपयोग किए गए मोबाइल नंबर, व्हाट्सअप नंबर और संदिग्ध बैंक खातों के संबंध में जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि आरोपियों ने धोखाधड़ी की राशि पंजाब नेशनल बैंक शाखा नालंदा बिहार के मुकेश इंटरप्राईजेस के खाते में ट्रांसफर की। साथ ही उक्त खाते से राज्यों के विभिन्न बैंकों के लगभग 40 बैंक खातों में 2 करोड़ की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी। आईटी टीम द्वारा बैंक से प्राप्त जानकारी के आधार पर बेनिफिशियरी खातों के संबंधित बैंक के, व्हाट्सअप एवं गुगल के नोडल अधिकारियों से जानकारियां एकत्रित की गई। जिसमें चौकाने वाली बातें सामने आईं हैं।

ठगी गई राशि पंजाब नेशनल बैंक शाखा नालंदा के मुकेश इंटरप्राईजेस के नाम खाते में ट्रांसफर हुई थी। यह एकाउंट मुकेश कुमार के द्वारा खुलवाया गया था। मुकेश द्वारा अपने दोस्त अमरेंद्र कुमार के कहने पर ठगी करने के लिए बैंक खाता खुलवाया था। बैंक खाते के दस्तावेज, रजिस्टर्ड सिम व नैट बैंकिंग के लॉगिन आईडी, पासवर्ड अमरेंद्र कुमार के साथ उसके दोस्त अनिल कुमार को दिए थे। इसके ऐवज में अनिल द्वारा ठगी की जो राशि मुकेश के बैंक खाते में जमा होगी उसका 4-5 प्रतिशत मुकेश एवं अमरेन्द्र को दिया जाएगा। अमरेन्द्र द्वारा और भी कई लोगों के बैंक खाते अनिल को उपलब्ध कराए गए थे, जिसके संबंध में जांच की जा रही है।

दोनों की जेल में हुई थी मुलाकात

आरोपी अमरेंद्र एवं अनिल का मुलाकात वर्ष 2022 में कानपुर जेल में हुई थी। उस समय अनिल द्वारा अमरेंद्र को ठगी के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने की बात कही थी। अमरेंद्र और शरद बीएससी तक पढ़े हैं। ये दोनों बिहार में पेपर साल्वर के रूप में भी पकड़े गए थे। साथ ही आरोपी शाहनबाज और मुकेश आठवीं तक पढ़े लिखे हैं।

कई राज्यों में की ठगी

पुलिस को पता लगा की आरोपी मुकेश कुमार पिता रामचंद्र नालंदा बिहार, अमरेंद्र कुमार (बाहुबली) उम्र 23 साल निवासी ग्राम बारापुर नालंदा बिहार, अनिल कुमार यादव उम्र 31 वर्ष निवासी ग्राम नवादा जिला मेनपुरी (उ.प्र.), शरद पांडे उम्र 30 वर्ष निवासी कुशमरा मैनपुरी (उ.प्र.), शाहनबाज आलम उम्र 18 साल निवासी ग्राम किंजर अरबल बिहार द्वारा भारत के कई राज्यों के लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी की गई है।

इस संबंध में आरोपियों के बैंक खातों से जानकारी लेकर संबंधित व्यक्तियों एवं पुलिस से संपर्क कर घटनाओ की जानकारी ली जाएगी। साथ ही आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। आरोपी से घोखाधड़ी के लिए उपयोग किए गए कुल 10 मोबाइल जब्त किए हैं।

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