उज्जैन RTO की लेतलाली के कारण लोग परेशान…

23 हजार से अधिक वाहन बिके, 230 के रजिस्ट्रेशन कार्ड बने
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शैलेष व्यास |उज्जैन। उज्जैन में आयोजित उज्जयिनी व्यापार मेला नए वाहनों पर रोड टैक्स में छूट का लाभ लेते हुए हजारों लोगों/संस्थानों ने वाहन तो खरीदे लेकिन अब परेशान होना पड़ रहा है। मेला को समाप्त हुए 17 दिन से अधिक हो चुके हैं, लेकिन आरटीओ की लेतलाली के कारण मेले से वाहन खरीदने वालों को अधिकृत दस्तावेज नहीं मिले हैं।

मेले में 23 हजार से अधिक वाहनों की बिक्री हुई है। आरटीओ से 230 वाहन के ही रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी हुए हैं। शासन द्वारा दी गई टैक्स की छूट का लाभ तो लोगों को खूब मिला पर अब आरटीओ विभाग से दिक्कतें खड़ी हो गई है। दस्तावेजों के लिए लोग परेशान हो रहे हैं।
ग्वालियर मेला की तर्ज पर पहली बार उज्जैन में व्यापार मेला 1 मार्च से 9 अप्रैल तक आयोजित किया गया था। इस अवधि में वाहन खरीदने वालों को रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय हुआ था। वाहन का रजिस्ट्रेशन उज्जैन आरटीओ (एमपी-13) से किया जाएगा। वाहन के लिए आरटीओ दस्तावेज उज्जैन से ही जारी किए जाएंगे। मेला के 40 दिन की अवधि में उज्जैन के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों के लोगों ने वाहनों की खरीदी की।
आरटीओ के अधिकृत आंकड़ों के अनुसार मेले में 23 हजार 705 (दोपहिया/चार पहिया/बड़े वाहन) बिके हैं। रजिस्ट्रेशन कार्ड उज्जैन में ही बनना है। आरटीओ उज्जैन के सूत्रों के मुताबिक 23 हजार 705 वाहनों में से फिलहाल 230 वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी हुए हैं। वही 5500 की फाइल अप्रुवल के लिए प्रस्तुत की गई है। शेष की प्रक्रिया भी फाइल्स में लंबित है। यह फाइल्स अप्रुवल के लिए कब प्रस्तुत होगी पता नहीं है।
खास बात….
वाहनों की बिक्री के मामले में उज्जयिनी व्यापार मेला ने रिकार्ड बना दिया।
23 हजार 705 वाहनों का विक्रय। करीब 16200 कार,शेष दो पहिया और लाइट कर्मर्शियल व्हीकल है।
तीन करोड़ और इससे अधिक कीमत वाली 33 कार बिकी है।
33 महंगी लग्जरी कार में से लगभग 30 कार इंदौरियों ने खरीदी है।
मेले के लिए इंदौर के लगभग सभी डीलर्स उज्जैन पहुंचे थे।
मेले में पेट्रोल कार पहली पसंद रही है। यहां बिकी कारों में से 85 प्रतिशत कार पेट्रोल की रही है, इसके बाद डीजल और सीएनजी वाहन रहे है। इलेक्ट्रिक कार की संख्या कम रही है।
अन्य जिलों के लोग परेशान
मेला से अन्य जिलों के अनेक लोगों ने वाहन लिए है। वाहनों को नंबर तो मिल गए, लेकिन दस्तावेज अभी तक नहीं मिले हैं। कई तो ऐसे हैं, जिन्होंने मेला के प्रारंभ में वाहन क्रय किए थे। उन्हें तो लम्बे समय से रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं मिले हंै। स्थानीय लोगों को आरटीओ या एजेंट के पास बार-बार जाने में भले कोई परेशानी नहीं हो, पर ऐसे लोग जो अन्य जिलों के है,उन्हे तो दोहरी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं मिल रहे है। दूसरी परेशानी रजिस्ट्रेशन कार्ड के अभाव में वे अपना वाहन लेकर अन्य शहरों में नहीं जा पा रहे हंै।
कोई जवाब नहीं
वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ के लिपिक नरेंद्र डंडेरवाल को प्रभारी बनाया था। वाहनों के रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों के लिए काफी प्रयास के बाद संपर्क हुआ, लेकिन आंकड़ों की जानकारी के संबंध में पूछते ही डंडेरवाल कोई जवाब नहीं दिया।
इनका कहना
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्तता है। इसलिए कुछ बताने की स्थिति में नहीं हूं।-संतोष मालवीय, आरटीओ उज्जैन








