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गर्मी शुरू होते ही बढ़े आत्महत्या के केस

डॉक्टर बोले…गर्मी के मौसम में मूड स्वींग को कंट्रोल करने वाले केमिकल में तेजी से होता है उतार-चढ़ाव

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पिछले 15 दिनों में जिले में करीब 25 लोग कर चुके है सुसाइड

 

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:गर्मी के मौसम में आत्महत्या के मामलों में तेजी से वृद्धि होती है। इसका उदाहरण शनिवार-रविवार के बीच 24 घंटों में 8 लोगों द्वारा अलग-अलग तरीकों से की गई आत्महत्या से मिलता है। उक्त मामलों में लोगों ने जहर खाकर, फांसी लगाकर और नदी में कूदकर आत्महत्या की थी।

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पुलिस आंकड़ों के अनुसार पिछले 15 दिनों में जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हर उम्र के महिला-पुरुष मिलाकर करीब 25 लोग अलग-अलग तरीके से आत्महत्या कर चुके हैं जिनके शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद जांच शुरू की गई। पुलिस अफसर बताते हैं कि लोगों द्वारा जहर खाने व फांसी लगाकर आत्महत्या के रास्ते को अधिक संखय में चुना जबकि कुछ लोगों ने ट्रेन के सामने कूदकर व नदी में छलांग लगाकर भी आत्महत्या की है।

आत्महत्या के मामलों में मुख्य वजह गृह कलेश, परीक्षा में असफल होना, प्रेम प्रसंग, कर्जा और नशे की लत सामने आई है। पिछले दिनों 10 वीं का रिजल्ट आने से पहले ही घट्टिया थाना क्षेत्र में रहने वाली किशेारी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी तो शनिवार को प्रेम में धोखा मिलने के बाद एकता नगर के युवक ने जहर खाकर जान दी। हालांकि मनोरोग विशेषज्ञ बताते हैं कि आत्महत्या जैसे मामले हर मौसम में होते हैं, लेकिन गर्मी के मौसम में उक्त घटनाएं बढ़ जाती हैं।

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यह रखें सावधानी

डॉ. मीणा बताते हैं कि गर्मी के मौसम में लोगों का व्यवहार तेजी से बदलता है। अपने दिमाग व शरीर को कंट्रोल में रखने के लिये ठंडे स्थान पर रहना चाहिये। व्यर्थ के विवादों से बचने के प्रयास करें। संतुलित भोजन करें साथ ही नशे के सेवन से बचें। नेगेटिव विचारों से दूर रहें। टेंशन होने पर नजदीकी लोगों से विचार विमर्श अवश्य करें और पूरी नींद लें। किसी प्रकार की मानसिक परेशानी लंबे समय तक रहे तो मनोरोग चिकित्सक से परामर्श करें।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

जिला चिकित्सालय के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश मीणा ने चर्चा में बताया कि गर्मी के मौसम में मूड को कंट्रोल करने वाले केमिकल्स में ज्यादा उतार चढ़ाव होता है। साथ ही नशे का सेवन करने वालों का मूड तेजी से नेगेटिविटी क्रिएट करता है और अधिकांश लोग नशे में हालत में ही आत्महत्या जैसे कदम उठाते हैं।

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