उज्जैन में सनसनीखेज हादसा.. महामंडलेश्वर ने खाया जहर, कल हुई थी धोखाधड़ी की एफआईआर

अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन मंगलनाथ स्थित महामाया आश्रम के महंत ने महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस चिमनगंज थाने में दर्ज कराया था इसके बाद महामंडलेश्वर ने सुबह जहर खा लिया जिन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
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पुलिस ने बताया कि महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी निवासी सांदीपनि आश्रम के सामने व अश्विन निवासी हरिद्वार उत्तराखंड के खिलाफ महंत सुरेेश्वरवेदपुरी महाराज ने साढ़े सात लाख रुपयों की धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। सुबह अस्पताल से सूचना मिली कि मामले में आरोपी मंदाकिनीपुरी ने जहरीला पदार्थ खा लिया है। सूचना मिलने के बाद थाने से पुलिस अफसर मंदाकिनी पुरी के बयान लेने अस्पताल रवाना हुए हैं।

अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक महामंडलेश्वर मंदाकिनीपुरी द्वारा दोपहर में प्रेस कांफ्रेंस कर अपना पक्ष मीडिया के सामने रखने की इच्छा जाहिर की थी लेकिन उसके पहले ही उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया। उनका अस्पताल में उपचार जारी है। बताया जाता है कि महामंडलेश्वर मंदाकिनी ने आश्रम में ही मीडिया से चर्चा कर रही थी। बात खत्म होते ही उन्होंने बोतल में रखा जहरीला पदार्थ गटक लिया। बताते हैं कि बोतल में फिनाइल था।
अखाड़े में महामंडलेश्वर की पदवी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी
महंत ने महिला महामंडलेश्वर के खिलाफ लगाया धोखाधड़ी का आरोप
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन महामाया आश्रम के महंत से महिला महामंडलेश्वर ने पंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की पदवी दिलाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी की जिसकी रिपोर्ट चिमनगंज थाने में दर्ज कराई गई है।पुलिस ने बताया कि महंत सुरेश्वरवेदपुरी महाराज महामाया आश्रम मंगलनाथ ने महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी निवासी सांदीपनि आश्रम के सामने और अश्विन निवासी हरिद्वार उत्तराखंड के खिलाफ लाखों रुपये की धोखाधड़ी का शिकायती आवेदन चिमनगंज थाने में दिया था। जिसकी जांच के बाद मंदाकिनी पुरी व अश्विन के खिलाफ धारा 420 सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
सुरेश्वरवेदपुरी महाराज ने आवेदन में लिखा था कि मंदाकिनी पुरी ने पंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की पदवी दिलाने के नाम पर 7.50 लाख रुपये लिये जिसका भुगतान ऑनलाइन व केश किया गया था, लेकिन रुपये लेने के बाद भी मंदाकिनी पुरी ने पदवी नहीं दिलाई तो सुरेश्ववेदपुरी ने हरिद्वार स्थित निरंजनी अखाड़े में संपर्क किया जहां से जानकारी मिली कि अखाड़े द्वारा किसी भी पदवी या उपाधि के लिये रुपये नहीं लिये जाते हैं और न ही आपका नाम प्रस्तावित है। इस पर सुरेश्वरनंदपुरी ने मंदाकिनी पुरी से अपने रुपये वापस मांगे तो उन्होंने रुपये देने से इंकार करते हुए झूठे केस में फंसाने की धमकी दी।
मोबाइल रिकार्डिंग का सबूत : सुरेश्वरवेदपुरी महाराज ने पुलिस को बताया कि उन्होंने महामंडलेश्वर की उपाधि के लिये मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी को जो रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किये थे उसका रिकार्ड सुरक्षित है इसके अलावा मंदाकिनी द्वारा रुपयों की मांग किये जाने व झूठे केस में फंसाने की धमकी देने की मोबाइल रिकार्डिंग भी उनके पास उपलब्ध है।








