Advertisement

रामघाट की दुकानें हटाने को लेकर नगर निगम पर पक्षपात का आरोप

रामघाट फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों की नारेबाजी

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा शिप्रा नदी के घाटों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान नदी तक पहुंचने वाले मार्ग पर अतिक्रमण देख उन्होंने दुकानें हटाने के निर्देश दिये। इस पर नगर निगम की टीम ने सुबह दुकानें हटाईं तो व्यापारियों ने पक्षपात का आरोप लगाकर नारेबाजी की।

 

रामानुजकोट से रामघाट शिप्रा नदी की ओर जाने वाले मार्ग पर पूजन सामग्री सहित अन्य वस्तुओं की दुकानें लगाने वाली नेहा, छोटीबाई, अनिता, गायत्री ने बताया कि हम लोग फुटपाथ पर दुकान लगाकर रोजी रोटी चलाते हैं। नगर निगम द्वारा प्रतिदिन दुकान का शुल्क वसूल कर पर्ची भी दी जाती है बावजूद इसके अफसर मनमर्जी से हमारी दुकानें हटा देते हैं। यह कार्रवाई सिर्फ एक ही पट्टी के व्यापारियों पर होती है जबकि घाट पर दूसरी ओर भी होटल सहित अन्य दुकानें संचालित हो रही हैं जिन्हें अफसर नहीं हटाते। रामघाट क्षेत्र के सफाई प्रभारी भाटी ने बताया कि कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान उक्त दुकानों को हटाने के आदेश दिये थे जिसके बाद आयुक्त के निर्देश पर कार्रवाई की जा रही है। पर्व और त्योहरों के समय उक्त दुकानें आवागमन में बाधा बनती है।

Advertisement

आयुक्त बोले…सभी दुकानें हटेंगी

नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक ने चर्चा में बताया कि शिप्रा नदी के घाटों को साफ बनाये रखने और आवागमन सुगम बनाने के निर्देश मिले हैं। घाट के आसपास किसी प्रकार की होटल या खाद्य पदार्थ का विक्रय नहीं होगा। किसी के साथ पक्षपात नहीं किया जाएगा यहां की सभी दुकानें हटेंगी।

Advertisement

शाम को बन जाती है चौपाटी

एक ओर नगर निगम द्वारा घाट के आसपास फुटपाथ पर संचालित होने वाली दुकानों को अतिक्रमण बताकर कार्रवाई की जा रही है वहीं दूसरी ओर घाट पर चाट,भेलपुरी, पानी पतासी, आईस्क्रीम, गन्ने का रस आदि की दुकान लगाने वाले राणोजी की छत्री से लेकर रामघाट तक अपनी दुकानें लगाकर नदी के घाटों को चौपाटी बना देते हैं। लोग नदी किनारे बैठकर खानपान के बाद गंदगी यहीं पर छोड़ते हैं जिससे नदी के घाट पिकनिक स्पॉट नजर आने लगता है।

रामघाट क्षेत्र की होटल व अन्य दुकानें जिन पर कार्रवाई नहीं हुई।

Related Articles