ड्रायवर से लोगों ने कार हटाने को कहा तो उसने साहब की तरफ किया इशारा
मुकेश पांचाल/के सी शर्मा उज्जैन। शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन पुलिस के अधिकारी ही अव्यवस्था बनाए तो कोई क्या करें। पुलिस अफसर की कार बीच सड़क में खड़ी रही और सड़क पर जाम लगता रहा। कार का ड्रायवर भी साहब की गाड़ी होने का इशारा करता रहा। अब कौन बताये कि पुलिस को ”हम सुधरेंगे युग सुधरेगा’ की तर्ज पर काम करने की जरूरत है।
मामला फ्रीगंज पुरानी सब्जी मंडी का है। यहां एएसपी देहात पल्लवी शुक्ला लाल-नीली बत्ती लगी कार से ड्रायवर और गनमैन के साथ बाजार में कुछ खरीदी करने पहुंचीं थीं। ड्रायवर ने पुरानी सब्जी मंडी फ्रीगंज में रोड के किनारे ही कार रोकी। मैडम उतरकर दुकान पर खरीदी के लिए गई और उनके लौटने तक कार सड़क पर ही थी।
बीच रोड पर कार खड़ी होने से यातायात बाधित हो रहा था। सामने से आ रहे कार चालक ने अपने वाहन का हॉर्न बजाया और ड्रायवर से कार साइड करने को कहा तो मैडम की कार के ड्रायवर ने अपना वाहन नहीं हटाते हुए मैडम की तरफ इशारा कर संकेत दिया कि वाहन मैडम का है। कार चालक कुछ देर अपनी कार खड़ी कर रुका रहा। मैडम खरीदी कर लौटीं व कार में बैठीं उसके बाद ड्रायवर ने कार आगे बढ़ाई और यातायात सामान्य हो पाया। लालबती लगी उक्त कार राकेश राठौर के नाम से रजिस्टर्ड है।
पुलिस अफसरों को नियमों एवं कानून का पालन करना चाहिए। यदि एएसपी की कार बीच रोड पर खड़ी थी तो यह गलत है। इस संबंध में जानकारी ली जाएगी। प्रदीप शर्मा, एसपी
पहले भी किया था उल्लंघन
यह कोई पहला अवसर नहीं जब मैडम द्वारा यातायात के नियम का उल्लंघन किया गया हो। कुछ वर्ष पूर्व जब मैडम कोतवाली सीएसपी थीं उस दौरान भी आईजी बंगले के सामने से रांग साइड वाहन चलाते हुए मैडम को लंगर पेट्रोल पंप के रास्ते ले गया था जिसकी शिकायत तत्कालीन एसपी से आमजन द्वारा की गई थी।