महाकाल थाने से पुलिस को बुलाया, थाने ले गये और वहीं उपचार कर समझौता भी कर लिया गया
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:उज्जैन दर्शन के लिये देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ अब तक फूल प्रसाद, आटो, ई रिक्शा वाले अभद्रता, मारपीट करते थे लेकिन अब पुलिसकर्मी और होमगार्ड के जवान भी इसी काम में लग गये हैं। स्थिति यह है कि लोगों की सुरक्षा करने वाले जब श्रद्धालुओं से इस कदर मारपीट करें कि उनका सिर तक फोड़ दें तो देश भर में क्या मैसेज जायेगा और शहर की छबि धूमिल होगी इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता।
16 मई की रात होमगार्ड जवानों ने राजस्थान के श्रद्धालुओं को रामघाट पुलिस चौकी में लाकर बुरी तरह पीटा। श्रद्धालुओं की गलती यह थी कि दत्त अखाड़ा रपट पर बंधी होमगार्ड की नाव की रस्सी खोलकर एक व्यक्ति उसमें बैठ गया था।
यह था मामला
16 मई की रात करीब 12 बजे राजस्थान के माधोपुरी, पिपराली से उज्जैन दर्शन करने आये जस्सी राठौर, भंवर सिंह, कृष्णा, गजानंद, अमरसिंह घूमते हुए रामघाट पहुंचे थे। उन्होंने दत्त अखाड़ा रपट पर बंधी मोटर बोट देखी तो उसकी रस्सी खोली और गजानंद उसमें बैठ गया। रामघाट चौकी पर बैठे होमगार्ड जवान राजेन्द्र डाबी, महेन्द्र सिंह, दीपक सोनी और रूपसिंह भाटी यह सबकुछ देख रहे थे।
उन्होंने चौकी से ही माइक में एनाउंस कर उक्त युवकों को नाव में बैठने से रोका और तत्काल उनके पास पहुंचे। होमगार्ड जवान एसडीआरएफ की टीशर्ट में थे जिन्हें उक्त युवक पहचान नहीं पाये और दोनों पक्षों के बीच कहासुनी के बाद गाली गलौज होने लगी। होमगार्ड जवान उन्हें पकड़कर रामघाटी चौकी पर ले आये और यहां गजानंद व उसके दोस्तों को पीटना शुरू कर दिया। होमगार्ड जवानों ने युवकों को इस तरह पीटा कि गजानंद का सिर फट गया और खून आने लगा।
इस दौरान रात के समय घाट के आसपास घूमने वाले 50 से अधिक लोग एकत्रित हो गये और युवकों को छोडऩे के लिये होमगार्ड जवानों से मिन्नतें करने लगे। जवानों ने महाकाल थाने पर फोन लगाया तो डायल 100 वाहन रामघाट पहुंच गया। वाहन में से पुलिसकर्मी उतरे और भीड़ हटाने के लिये डंडे चलाने लगे जिसमें यहां खड़ा पंकज शर्मा नामक युवक के हाथ में डंडा लगा और वह भी घायल हो गया। पुलिसकर्मी होमगार्ड जवानों व श्रद्धालुओं को लेकर महाकाल थाने आ गये। यहां पुलिस ने दोनों पक्षों की बात सुनी और घायल गजानंद के सिर में लगी चोंट पर बेंडेज लगाकर उपचार कर दिया।
थाने में ऐसे निपट गया मामला
जस्सी राठौर निवासी पिपराली राजस्थान ने बताया कि वह आरटीओ में तृतीय श्रेणी कर्मचारी है। उनके दोस्तों ने गलती से नाव की रस्सी खोली थी जिसके लिये होमगार्ड जवानों से माफी भी मांग ली लेकिन उन्होंने किसी की बात नहीं सुनी। चौकी ले जाकर मारपीट करने के बाद पुलिस को बुला लिया। पुलिसकर्मी सभी को थाने ले गये। जब थाने में पुलिस को सभी ने अपना परिचय दिया तो पुलिस ने घायल गजानंद का थाने में ही उपचार कर दिया और कहा कि रिपोर्ट लिखाओगे तो बार-बार थाने आना पड़ेगा। गलती दोनों पक्षों की है इसलिये आवेदन लिखकर मामला खत्म कर दो। जस्सी ने बताया कि भंवर सिंह टोल संचालित करता है, दूसरे दोस्त भी काम धंधा करते हैं ऐसे में पुलिस की समझाईश पर सभी सहमत हो गये और आवेदन लिखकर थाने में दे आये हैं।
अब कभी नहीं आएंगे उज्जैन
जस्सी राठौर ने बताया कि उज्जैन दर्शन करने आये थे, गलती से बोट की रस्सी खोली तो माफी भी मांग ली उसके बाद भी होमगार्ड जवानों और पुलिस ने जिस प्रकार गाली गलौज, अभद्रता, मारपीट की उसे जिंदगी में कभी नहीं भूलेंगे। हम लोग गुण्डे बदमाश नहीं हैं, होमगार्ड जवानों की ड्रेस से उन्हें भी पहचान नहीं पाये थे लेकिन सभी ने हमारे साथ जिस प्रकार की व्यवहार किया उसके बाद अब कभी उज्जैन दर्शन करने नहीं आएंगे।
मैं माइक पर था, वे बोट खोलकर नदी में ले जा रहे थे
16 मई की रात कुछ युवक दत्त अखाड़ा रपट पर बंधी बोट खोलकर उसमें बैठकर नदी में ले जा रहे थे। मैं माइक पर था, उन्हें माइक में एनाउंस कर रोका, दो जवान उन्हें पकडऩे घाट की तरफ गये। बोट वापस कराने के बाद उन्हें समझा रहे थे तो युवकों ने गाली गलौज और विवाद किया। उन्हें लेकर चौकी पर भी आये थे लेकिन मारपीट किसी ने नहीं की। महाकाल पुलिस को सूचना देकर उनके सुपुर्द कर दिया था। -राजेन्द्र डाबी, एसडीआरएफ जवान