भीषण गर्मी में बिजली कटौती से परेशान शहर, लाइनों के मेंटेनेंस पर उठे सवाल

विद्युत कंपनी के अधिकारियों का कहना शहर में कहीं भी कोई समस्या नहीं है
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन तापमान बढऩे के साथ ही शहर की बिजली आपूर्ति चरमरा गई है। हर क्षेत्र में बिजली गुल हो रही है। तेज गर्मी के बीच दिन और रात की अघोषित कटौती से लोग परेशान हैं। शहर के किनारे पर नई बसी कॉलोनियों में तो 8-8 घंटे की बिजली कटौती हो रही है। लाइनों के मेंटनेंस पर सवाल उठे रहे हैं। विद्युत कंपनी के अधिकारियों का कहना कहीं भी समस्या नहीं है

बीते कुछ समय से दिन में आठ-दस बार बिजली बंद होना आम बात हो गई है। नागरिकों के अनुसार अब रात की कटौती भी परेशान कर रही है। भीषण गर्मी में जब लोगों को कूलर और पंखे की सख्त जरूरत होती है उसी समय बिजली गुल हो रही है। गर्मी में लोड बढऩे के साथ ही बिजली अचानक गुल हो जाती है। पिछले एक सप्ताह में एक भी ऐसा दिन नहीं है जब अचानक बिजली गुल नहीं हुई हो। दिन के समय तो तीन से चार बार बिजली बंद हो रही है। देर रात को भी अचानक बिजली बंद जाती हैं। रात के समय की गई शिकायतों का निवारण भी तत्काल नहीं हो पाता। लोगों की नींद खराब हो रही है।
बार-बार हो रहे फाल्ट
शहर के पूराने क्षेत्र में बिजली गुल होने की परेशानी कम नहीं हो रही है। लोड़ बढऩे के कारण कई बार बिजली बंद हो रही है। नगर निगम एमआईसी सदस्य रजत मेहता के अनुसार शहर के पूराने हिस्सों में बिजली की कटौती आम हो गई है। शहर के नमक मंड़ी,कलालसेरी,नागनाथ की गली,पटनी बाजार,सराफा और आसपास के क्षेत्रों में रात को २ से ३ घंटे तक बिजली गुल हो रही है। अधिकारी ध्यान भी नहीं दे रहे है।
इधर विद्युत कंपनी के सूत्रों का कहना है कि कंपनी के पास अमले की कमी है साथ ही संसाधनों का अभाव है। बिजली का काम आउट सोर्स के भरोसे है। लाइन और ट्रांसफार्मर का मैंटेनेंस नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं फ्यूज में लगाए जाने वाला तार भी मानक अनुसार नहीं होने से लोड़ बढऩे के कारण तार जलने से बिजली गुल हो जाती है। विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी के मौसम में बिजली की खपत बढ़ गई है और ट्रांसफार्मर पर ओवरलोडिंग होने से जलने की समस्या आती है।
आसपास की कॉलोनियों में और भी खराब हालत
शहर के आसपास खासकर देवास रोड़,इंदौर रोड़,चिंतामन बायपास के इलाके में भी तेजी से कालोनियां विकसित हुई हैं पर बिजली विभाग के पास इस मान से अमला नहीं है। केबल पुरानी हो चुकी है उसे भी बदला नहीं गया। ऐसे में बार-बार फाल्ट हो रहे हैं। स्टॉफ की कमी है। लाइनें लम्बी-लम्बी होने के कारण लोड़ बढऩे पर फाल्ट होते है और फाल्ट को तलाशने और ठीक करने में काफी समय लगता है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि विद्युत वितरण कंपनी समय पर मेंटेनेंस नहीं कर रही। इस कारण भी ट्रांसफार्मर जलने जैसी घटनाएं हो रहीं। पेड़ों की छंटाई भी नहीं हो सकी है। आंधी और हवा के कारण इनसे तार हिलते डुलते हैं। ओवरलोडिंग को दूर करने के उपाय भी नहीं किए जा रहे।
हेल्प लाइन 1921 पर जवाब नहीं
विद्युत कंपनी ने शिकायत के लिए हेल्पलाइन 1921 तो मानो किसी काम की नहीं है। फोन लगाने पर घंटी बजती है,पर कोई इसे अटैंड़ नही करता है। अधिकारियों के फोन नहीं उठ रहे। नागरिकों का कहना है कि पहले दिन में बिजली गुल हो ही रही थी लेकिन रात में भी अब बिजली जा रही है। बिना-पंखे कूलर के लोग सो भी नहीं पा रहे।
इनका कहना
शहर में कहीं भी अघोषित कटौती की स्थिति नहीं है। किसी भी जगह फाल्ट की जानकारी आने पर तत्काल निराकरण किया जा रहा है। अमले या संसाधन की कोई कमी नहीं है। आवश्यकता अनुसार लाइनों और ट्रांसफार्मर का संधारण भी किया जा रहा है। – सतीश कुमावत,असिस्टेंट इंजीनियर विद्युत कंपनी।








