मामला नगर पालिका निगम कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति की साधारण सभा का
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन नगर पालिका निगम कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति ने सदस्यों को भूखण्ड देने के लिए एक भूमि सेंटपॉल स्कूल के आगे खरीदी थी। इस भूमि को लेकर आए विवाद के बाद मामला न्यायालय में पहुंचा। समिति पर इस समय सहकारिता निरीक्षक, प्रशासक के रूप में पदस्थ हैं। अब भूमि का एक हिस्सा नगर निगम खरीदना चाहता है। इसके लिए प्रशासक ने वार्षिक साधारण सभा 7 जून को बुलवाई गई है।
नगर पालिका निगम कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित,उज्जैन का पंजीयन 6 सितंबर,1985 को हुआ था। कालांतर में जो भी स्थितियां बनी,उसके चलते सदस्यों को भूखण्ड वितरण नहीं हो पाया। इसी दौरान भूमि के एक हिस्से पर नगर निगम ने कचराघर बना लिया। बाद में कचराघर, कचरा ट्रांसफर स्टेशन के रूप में निर्मित कर दिया गया। जबकि तत्कालिन समय में भी उक्त भूमि राजस्व रिकार्ड पर समिति के नाम पर ही थी। अब नगर निगम चाहता है कि उक्त भूमि को समिति द्वारा नगर निगम को बेच दिया जाए। इसके लिए समिति की वार्षिक साधारण सभा 7 जून,24 को बुलवाई गई है। सदस्यों को डाक द्वारा एवं समाचार पत्र में विज्ञप्ति प्रकाशित करके सूचना दी गई है।
निगमायुक्त ने लिखा- हमें पता नहीं था भूमि समिति की है..
निगमायुक्त आशीष पाठक ने समिति के प्रशासक के नाम पत्रांक / एसबीएम /203/14-5-24 के द्वारा आग्रह किया है कि समिति की भूमि पर नगर निगम द्वारा नवनिर्मित कचरा ट्रांसफर स्टेशन जोकि राजस्व रिकार्ड अनुसार खसरा नम्बर 1665 पर स्थित है तथा राजस्व रिकार्ड में समिति के नाम दर्ज है, को नगर निगम आसपी क्रय नीति से क्रय-विक्रय करना चाहता है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा कचरा ट्रांसफर प्लांट का निर्माण कर लिया गया है। निर्माण के उपरांत पता चला कि जिस भूमि पर ट्रांसफर प्लांट का निर्माण किया गया, वह नगर पालिक निगम कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित,उज्जैन की है। चूंकि निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। अत: खसरा क्रमांक 1665,कस्बा उज्जैन की 0.5 हेक्टैयर भूमि जिसके ऊपर ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण है,उसका आपसी सहमती से निगम पक्ष मेें नियमानुसार क्रय द्वारा हस्तांतरण करने के लिए आवश्यक कार्यवाही का अनुरोध है। पत्र की प्रति संभागायुक्त,कलेक्टर एवं उपायुक्त सहकारिता को भेजी गई है।
कहीं साधारण सभा का सम्मिलन बहाना तो नहीं….?
14 मई को नगर निगम आयुक्त ने उक्त समिति के प्रशासक के नाम पत्र लिखा और 20 मई,24 को प्रशासक ने समिति की वार्षिक साधारण सम्मिलन बुलाने की सूचना समाचार पत्रों में जारी की। जिसमें उल्लेख किया गया कि- 07 जून,24 को दोपहर 12 बजे संस्था के सदस्यों का वार्षिक साधारण सम्मिलन जिला कृषि ग्रामीण सहकारी विकास बैंक मर्यादित, चिमनगंज मण्डी,आगर मार्ग, उज्जैन पर आयोजित की गई है। निर्धाति दिनांक,समय व स्थान पर गणपूर्ति के अभाव में सभा की कार्यवाही आधा घण्टा के लिए स्थगित की जाएगी। स्थगित सम्मिलन की कार्यवाही वार्षिक साधारण सम्मिलन में विषय सूची में सम्मिलित विषय सूच पर विचार किया जाएगा। इसी बात को लेकर सदस्यों में आशंका है कि प्रशासक द्वारा कहीं उक्त भूखण्ड को नगर निगम को विक्रय करने का प्रस्ताव स्वीकृत न करवा लिया जाए?
पालन करवाएंगे
इस संबंध में सहकारी निरीक्षक एवं संस्था के प्रशासक के के कॉगले से चर्चा की गई। उन्होने कहाकि उनका काम वार्षिक साधारण सम्मिलन बुलाना है। उपस्थित सदस्यों के बीच निगमायुक्त,उज्जैन का पत्र एवं ऑफर रखा जाएगा। उपस्थित सदस्य जो निर्णय लेंगे,उसका पालन करवाया जाएगा। यह सदस्यों को तय करना है कि वे क्या चाहते हैं ?