Advertisement

बढ़ रहा मच्छरों का प्रकोप, घर से बाहर निकलना हो गया मुश्किल

जनता परेशान लेकिन जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान, फॉगिंग मशीनें भी खराब पड़ी

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन शहर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण है फागिंग नहीं होना है। नगर निगम के 6 जोन के लिए पर्याप्त संख्या में फॉगिंग मशीन भी नहीं हैं। बता दें कि मलेरिया विभाग और नगर निगम के पास ऐसे कर्म चारियों की संख्या भी कम हैं, जिन्हें मच्छरों का प्रकोप कम करने की जिम्मेदारी मिली है। शहरवासियों का कहना है कि हम न केवल अपने घर के पास, बल्कि कार्यालय या शहर में कहीं भी जा रहे हैं तो मच्छर मंडराते रहते हैं। अपने घरों की खिड़कियां और दरवाजे भी खुल रखना बंद कर दिए हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर या सार्वजनिक परिवहन में हम क्या कर सकते हैं।

 

अधिकारियों के मुताबिक, मच्छरों के बढऩे का कारण तापमान में उतार-चढ़ाव है, क्योंकि गर्मी अधिक नहीं होने के कारण मच्छर तेजी से पनप रहे हैं। शहर तापमान, वर्षा और आर्द्रता में वृद्धि के साथ मौसम परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जिससे मच्छरों का घनत्व बढ़ रहा है। हाल ही में कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को उठाया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि मच्छरों के प्रकोप को कम करने के लिए दवाइयों का छिड़काव भी नहीं हो रहा और अधिकांश फॉगिंग मशीनें भी खराब पड़ी हैं।

Advertisement

क्यूलेक्स मच्छरों का प्रकोप, पानी में पनपते हैं

गर्मी के मौसम में क्यूलेक्स मच्छरों का प्रकोप रहता है। यह मच्छर डेंगू या मलेरिया नहीं फैलाते हैं, बल्कि नालों में रुके हुए पानी में पनपते हैं। जल निकासी लाइनों में दुर्गम पानी भी इनके पनपते का कारण है। वहीं एडीज और एनोफेलीज डेंगू और मलेरिया फैलाते हैं, लेकिन अभी इनका प्रकोप शहर में अधिक नहीं है। गर्मी में इस प्रकार के मच्छरों का घनत्व बढ़ जाता है, क्योंकि लोग बिना ढंके कंटेनरों में पानी जमा करते हैं।

Advertisement

गलियों में बढऩे लगी गंदगी

स्वच्छ सर्वेक्षण समाप्त होने के बाद शहर में एक बार फिर स्वच्छता को लेकर सुस्ती का आलम नजर आने लगा है। शहर की सड़कों पर गंदगी भले ही नजर नही आए, लेकिन गलियों और कॉलोनियों के भीतर की सड़कों की गंदगी सफाई व्यवस्थाओं को मुंह चिढ़ा रही है।

Related Articles