अंगारेश्वर के भक्तों की राह हुई आसान, बना सीसी रोड

By AV News

मंदिर तक 500 मीटर लंबा घाट भी बनाने की तैयारी

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन मंगल ग्रह की पीड़ा के निवारण के लिए प्रसिद्ध प्राचीन अंगारेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले भक्तों की राह आसान हो गई है। अब उबड़ खाबड़ रोड की जगह सीमेंट कांक्रीट का प्लेन रोड बन गया है। दर्शनार्थियों का आवागमन भी इससे होने लगा है। मंदिर तक नदी किनारे करीब 500 मीटर का लंबा घाट बनाने की भी प्रशासन ने तैयारी कर ली है। इसका सर्वे कर लिया गया है। इससे मंदिर का दृश्य सुंदर हो जाएगा।

मंगलनाथ मंदिर के आगे कमेड़ गांव में शिप्रा नदी किनारे प्राचीन अंगारेश्वर मंदिर चौरासी महादेव मंदिरों के क्रम में 43वां मंदिर होने से बड़ा महत्व है। मंगलवार के दिन यहां देश विदेश से श्रद्धालु दर्शन पूजन के साथ भात पूजा करने आते हैं। मंदिर का एप्रोच रोड अत्यधिक पुराना हो गया था। इस कारण लोक निर्माण विभाग को सीसी रोड बनाने का काम सौंपा गया था। रोड का काम पूरा हो गया है। केवल मंगलनाथ मंदिर और कमेड़ गांव के बीच बने पुल की टर्निंग का हिस्सा शेष बचा है। रोड बनने तक रास्ता। बंद कर दिया गया था। इससे दर्शनार्थियों को गांव से होकर वैकल्पिक मार्ग से मंदिर जाना पड़ रहा था।

अब घाट बनने से बढ़ेगी रौनक

जल संसाधन विभाग ने मंगलनाथ मंदिर घाट को अंगारेश्वर मंदिर तक बढ़ाने की योजना तैयार की है। इसके लिए सर्वे कर डीपीआर सरकार को मंजूरी के लिए भेजी गई है। कार्यपालन यंत्री मयंकसिंह ने बताया जैसे जैसे प्रशासकीय मंजूरी मिलेगी घाटों के काम किए जाएंगे।

रोड किनारे लगाए जाएं पेड़ : सीसी रोड बनने के बाद रोड के एक किनारे की ओर अच्छे पेड़ लगाए जा सकते हैं। इससे पूरे क्षेत्र की रौनक बढ़ेगी और दर्शनार्थियों को छांव भी मिलेगी। रोड के एक किनारे पर आम, नीम, पीपल के पौधे और बीच में फूलों के पौधे लगाए जा सकते हैं। हालांकि पास में ही गुलाब के खेत भी हैं। रोड का काम अभी चल रहा है लेकिन पुल तरफ का टर्निंग जमीन अधिग्रहण न हो पाने के कारण संकरा हो गया है। इससे आने वाले समय में खतरनाक परिस्थितियां बनेंगी। अभी टर्निंग का काम चल रहा है। इस कारण प्रशासन हस्तक्षेप कर खतरनाक टर्निंग को दूर कर सकता है।

अक्षर विश्व ने बाधा कराई दूर

अप्रैल माह में रोड के काम में बाधा आ गई थी। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर और ठेकेदार के बीच विवाद हो गया था। मामले को अक्षरविश्व ने “इंजीनियर और ठेकेदार की ‘तकनीकी लड़ाई’ में अंगारेश्वर की राह कठिन शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिससे विधायक सतीश मालवीय और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के निर्देश पर दूर किया गया।

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