स्ट्रेचर नहीं मिलने के कारण पिता को पीठ पर बैठाकर ले जाना पड़ा उपचार के लिए
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन जिला चिकित्सालय प्रशासन की स्थिति दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है। स्टाफ के टाइम टेबल की बात हो अथवा कर्मचारियों द्वारा सौंपे गये दायित्व की। यहां उपचार के लिये आने वाले मरीजों को उक्त लोगों की लापरवाही के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सुबह एक वृद्ध मरीज को उसके बेटे ने पीठ पर लादकर ओपीडी तक ले जाना पड़ा। यह तमाशा अस्पताल के कर्मचारी देख रहे थे लेकिन किसी ने उसकी मदद तक नहीं की।
संसाधन हैं पर
कर्मचारी नहीं मिलते
जिला चिकित्सालय में न तो स्ट्रेचर की कमी है और न ही व्हील चेयर की। उक्त संसाधन अपने निर्धारित स्थान पर रखे रहते हैं लेकिन इन्हें चलाने के लिये जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है वह इधर उधर घूमते हैं और समय आने पर मरीज व उनके परिजनों को नहीं मिलते इस कारण मरीज व उनके परिजन परेशान होते हैं।
यह था मामला
गोविंद चौधरी 60 वर्ष निवासी मकड़ावन पलसोड़ा कल शाम साइकिल से खेत पर जाते समय साइकिल फिसलने से गिरकर घायल हुआ। पैर में गंभीर चोंट लगने पर सुबह उसका बेटा मदन चौधरी 25 वर्ष बस से पिता को जिला चिकित्सालय लेकर आया और सीधे ओपीडी में गया। वहां बैठे कर्मचारियों ने मदन चौधरी को बताया कि अपने पिता को इमरजेंसी में ले जाओ। पिता को पैर में गंभीर चोंट होने के कारण उसने कंधों पर लादा और इमरजेंसी में ले गया।
यहां बैठे कर्मचारियों ने मदन को बताया कि डॉक्टर ओपीडी के 10 नंबर कमरे में बैठे हैं वहीं लेकर जाओ तो मदन ने पिता को फिर कंधे पर लादा और इमरजेंसी से करीब 150 मीटर दूर ओपीडी में लेकर गया। मदन ने बताया कि पिता चल नहीं पा रहे। अस्पताल स्टाफ के लोग व्हील चेयर अथवा स्ट्रेचर तक नहीं दे रहे। उपचार तो दूर इधर से उधर भगा रहे हैं। अब कब तक पिता को कंधों पर एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाना पड़ेगा कुछ समझ नहीं आता।