कोचिंग में पानी भरा, 3 विद्यार्थियों की मौत

दिल्ली: बेसमेंट की लाइब्रेरी में तीन मिनट में 12 फीट तक पानी भरा
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हिरासत में मालिक और कॉर्डिनेटर, आरएएफ की हुई तैनाती..
अक्षरविश्व न्यूज . नईदिल्ली दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान में हादसे के बाद कोचिंग सेंटर के मालिक और कॉर्डिनेटर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। दोनों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
शनिवार की शाम को कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से एक छात्र और दो छात्राओं की मौत हो गई। इनकी पहचान श्रेया यादव, तान्या सोनी और नेविन डेल्विन के रूप में हुई है। तीनों के परिजनों को सूचना दे दी है। छात्रा श्रेया यादव यूपी के अंबेडकर नगर की रहने वाली थी। जबकि छात्रा तान्या तेलंगाना की रहने वाली थी। छात्र नेविन केरल का रहने वाला था। वह जेएनयू से पीएचडी भी कर रहा था। करीब आठ महीने से वह सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने तीनों के परिवारों को सूचित कर दिया गया है।
मध्य जिला पुलिस उपायुक्त एम हर्षवर्धन ने बताया मरने वालों की पहचान हो गई है। इसमें एक लडक़ी यूपी के अंबेडकर नगर और छात्र केरल का रहने वाला है, जबकि दूसरी छात्रा तेलंगाना की रहने वाली है। पुलिस ने बीएनएस की धारा 105, 106(1), 152, 290 और 35 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है। उधर, कोचिंग संस्थान में बचाव अभियान का काम लगभग पूरा हो गया है। कुछ ही पानी बाकी बचा है। बेसमेंट समेत इमारत पूरी तरह खाली हो गई है। कोई वहां नहीं फंसा है।
बेसमेंट से पानी निकालने में देरी हुई फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि फायर ब्रिगेड की 5 गाडिय़ां भेजी गई थीं। सडक़ पर पानी भरे होने के कारण शुरुआत में बेसमेंट से पानी नहीं निकल रहा था। कुछ देर बाद जब सडक़ से पानी कम हुआ, तब जाकर बेसमेंट से पानी निकलना शुरू हुआ।
रेस्क्यू के समय भी 7 फीट पानी भरा था पुलिस ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान पानी में बेंच तैर रही थी। इसलिए बच्चों को बाहर निकालने में दिक्कतें हुईं। देर रात को जब रेस्क्यू आखरी चरण में था, तब भी 7 फीट तक पानी अंदर भरा हुआ था। बच्चों को रस्सियों के सहारे सुरक्षित निकाला गया।
हादसे के बाद छात्रों ने किया प्रदर्शन हादसे के बाद स्टूडेंट ने MCD के खिलाफ प्रदर्शन किया। सुबह एक प्रदर्शनकारी छात्र ने दावा किया कि 8-10 लोगों की जानें गई हैं। MCD इसे डिजास्टर बता रही है, लेकिन यह पूरी तरह से लापरवाही का मामला है। प्रदर्शनकारी छात्र ने बताया कि दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए और हादसे में घायल होने और जान गंवाने वालों की सही संख्या बताई जानी चाहिए।