शिप्रा नदी के छोटे पुल से 4 फीट ऊपर बह रहा पानी

By AV NEWS 4

बरसात का दौर जारी,फिर भी बीते साल से कम

रिमझिम, तेज वर्षा से भीग रहा सावन

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:मानसूनी परिस्थितियां अनुकूल होने के कारण दो दिन से बरसात का दौर जारी तो है, लेकिन गत वर्ष की तुलना में अभी कम वर्षा हुई है। शहर में रविवार सुबह से बारिश का दौर शुरू हुआ है। शहर के अलग अलग कोने में दोपहर तक कभी रिमझिम तो कभी अचानक तेज बारिश होती रही।

मौसम का यह मिजाज दिनभर बदलता रहा। देर रात को फिर मौसम बदला गरज-चमक के साथ अलग-अलग समय में तेज बरसात होती रही। सोमवार सुबह भी कभी तेज कभी कम बरसात का सिलसिला जारी था। जुलाई माह जो उज्जैन जिले में अच्छी बारिश के लिए जाना जाता है, इस बार वैसी बारिश नहीं हुई। गत वर्ष जुलाई में अभी तक 492.04 मिमी हुई थी। बारिश के चलते कई जगहों पर जलभराव की स्थिति बन गई।

बारिश ने पुराने शहर की सड़कों को बना दिया तालाब

बरसात से पुराने शहर में प्रमुख मार्गो से लेकर गलियों तक में जल जमाव से हालात बिगड़े रहे। घुटने से लेकर कमर तक जमा पानी के चलते दो पहिया वाहन चालकों को सबसे अधिक परेशानी उठाना पड़ी। बारिश ने कई जगह जलजमाव की स्थिति निर्मित कर दी।

आरोप : सफाई व्यवस्था ठप

पुराने शहर के इन क्षेत्रों के लोगों का आरोप रहा कि शहर की सफाई व्यवस्था ठप पड़ी है। दिखावे की सफाई हो रही है। सड़कों से कचरा तो उठ रहा है लेकिन नालियां जाम पड़ी है। गली-मौहल्लों में कचरा नहीं उठ रहा है। इसके चलते दो इंच बारिश में ही जल जमाव के हालात बन गए। वार्डो में सफाईकर्मी कम है।

कतिपय ऐसे हैं जो सफाई की खानापूर्ति कर रहे हैं। इन पर वार्डो के सफाई प्रभारियों का भी अंकुश नहीं है। सोमवार सुबह नई सड़क क्षेत्र में एक सफाई दारोगा से चर्चा की तो उन्होने बताया कि जितना कचरा दुकानदारों का निकल रहा है, उसके मुकाबले कर्मचारी कम है। कतिपय दुकानदार ऐसे हैं जो प्लास्टिक से लेकर कार्टून तक नाली में डाल देते हैं।

गंभीर डेम में बढ़ा सिर्फ 50 एमसीएफटी

पिछले चौबीस घंटों में उज्जैन शहर में करीब तीन इंच बारिश हो गई लेकिन गंभीर डेम अब भी खाली है। डेम में केवल 50 एमसीएफटी पानी ही बढ़ सका है। जबकि पिछले साल 1942 एमसीएफटी पानी भर चुका था। यह स्थिति अभी भी शहर के लिए चिंताजनक बनी हुई है। अभी जोरदार बारिश की उम्मीद की जा रही है, जिससे कि गंभीर डेम में पानी भर सके। शहर में पिछले चौबीस घंटे में 2.9 इंच बारिश हो चुकी है।

शहर में सोमवार सुबह तक इस मौसम में जीवाजी वेधशाला में कुल 377.4 बारिश दर्ज की जा चुकी है। इस हिसाब से अब तक 15 इंच बारिश हो चुकी है, औसत 30 इंच बारिश के कोटे से आधी ही हो सकी है। शहर की प्यास बुझाने वाले गंभीर डेम में सोमवार सुबह तक 458 एमसीएफटी पानी था। रविवार सुबह तक यह 408 एमसीएफटी ही था। इस तरह डेम में केवल 50 एमसीएफटी पानी ही भर सका है। पिछले साल डेम लबालब भरने के करीब आ गया था। डेम का यह दृश्य अभी चिंताजनक बना हुआ है। इंदौर और आसपास तेज बारिश होने पर ही इसके भरने की उम्मीद है।

अभी अगस्त तक उम्मीद बरकरार… जुलाई माह लगभग खत्म होने आ गया है। अगस्त माह में अच्छी बारिश होने की उम्मीद अभी बरकरार है। इससे गंभीर डेम में पानी भरने की उम्मीद है। डेम पूरी क्षमता 2250 एमसीएफटी से भरने पर ही पूरे साल की चिंता दूर हो सकेगी।

कई घंटे तक बिजली गुल रही भैरवगढ़ क्षेत्र में, रातभर लोग होते रहे परेशान

भैरवगढ़ के कुछ क्षेत्रों में बीती रात कई घंटों तक बिजली गुल रही। लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शिकायत के लिए वल्लभ नगर झोन कार्यालय पर फोन लगाना चाहा तो किसी ने फोन तक नहीं उठाया। भैरवगढ़ क्षेत्र के राजकुमार मालवीय पटेल का कहना है कि भैरवगढ़ के कलालपुरा मेन रोड तोड़ी आदि मोहल्ले में रविवार की शाम 6 बजे से घरों की बिजली गुल हो गई। रात 10 बजे तक घरों की लाइट चालू नहीं हुई।

इस संबंध में शिकायत करने के लिए वल्लभ नगर झोन कार्यालय पर फोन लगाना चाहा तो किसी ने फोन उठाना उचित नहीं समझा। सोमवार की सुबह 9 बजे चालू हुई। इसके बाद क्षेत्र के लोगों को राहत मिली। मालवीय का कहना है कि सबसे बड़ी बात यह है कि शिकायत करने हेतु झोन कार्यालय पर लोग फोन लगाते हैं, लेकिन वहां पर कोई फोन नहीं उठाता।

डेम की स्थिति

कुल क्षमता 2250 एमसीएफटी

कुल 458 एमसीएफटी पानी

1792 एमसीएफटी पानी की अभी कमी
(पिछले साल अब तक)

1942 एमसीएफटी पानी भर चुका था।

सिर्फ 308 एमसीएफटी खाली था डेम

शिप्रा नदी के छोटे पुल से 4 फीट ऊपर बह रहा पानी

उज्जैन। लगातार बारिश से शिप्रा का जलस्तर बढ़ गया है। सोमवार सुबह नदी छोटे पुल से करीब 4 फीट ऊपर बह रही थी। इधर रामानुजकोट के सामने स्थित मुंबई वालों की धर्मशाला के घाट तरफ वाले हिस्से तक नदी का पानी पहुंच चुका था। श्रद्धालु यहीं पर बैठकर नदी में स्नान कर रहे थे। शाम को भगवान महाकालेश्वर की सवारी शिप्रा नदी के तट पर पहुंचेगी।

यदि जलस्तर कम नहीं होता है तो पालकी पूजन रामघाट की बजाय अन्य स्थान पर होगा। इधर नदी के बढ़ते जलस्तर से रामघाट जलमग्न है और बाहर से आने वाले श्रद्धालु खतरे को नजरअंदाज कर स्नान कर रहे हैं। हालांकि पानी में नहा रहे लोगों को यहां तैनात होमगार्ड व पुलिस के जवानों द्वारा हिदायत देकर पानी से बाहर निकलने की चेतावनी भी दी जा रही थी। किनारों पर बैरिकेड्स लगे हुए हैं।

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