संशय से समाधान की कथा है रामकथा

संगीतमय श्रीरामकथा के चौथे दिन महामंडलेश्वर गुरु मां आनंदमयी के उद्गार

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। भारत भूमि के प्राण राम है। सनातन धर्म का हृदय श्रीरामचंद्रजी महाराज हैं। राम नाम ही जीवन का आधार है, बाकी सब बेकार है। परमात्मा का नाम ही परम मूल तत्व है, राम परम आधार है। आनंद से परमानंद की यात्रा का नाम है रामकथा, संशय से समाधान की कथा है रामकथा।

यह बात बडऩगर रोड़ स्थित मोहनपुरा में श्री बाबाधाम मंदिर (अर्जी वाले हनुमान -81 फीट) में संगीतमय श्रीराम कथा के दौरान महामंडलेश्वर गुरू मां आनंदमयी ने कही। संगीतमय श्रीराम कथा में चौथे दिन गुरू मां ने कहा कि जीवन को कुसंगति की ओर नहीं सत्संगति की ओर ले जाएं। चिंता चिता की ओर ले जाती है,

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सबको पालने वाला जगत का पिता है, चिंता नहीं करें। यदि भोग ज्यादा करेंगे तो 40 वर्ष में भगवान के पास चले जाएंगे, भक्ति करेंगे तो 100 बरस की उम्र मिलेगी। राम का नाम ही हमें तार सकता है। गुरू मां आनंदमयी ने कहा कि नारी को चाहिये स्नान ध्यान कर भोजन बनाये। पहली रोटी गाय को खिलाए, लेकिन आजकल पत्नी पहली रोटी पति को खिला रही है, तो वह गाय बन गया, गाय बनकर बेबी बेबी करता है। आजकल पति, पत्नी बेबी और बाबू हो गये हैं।

दूसरी रोटी से भगवान को भोग लगाये। तीसरी रोटी अतिथि है तो उसे भोजन कराये, घर में कोई भी आये, बिना भोजन वो हमारे द्वार से नहीं जाए, अतिथि रूप में पता नहीं कब भगवान आ जाए, आपका कराया गया भोजन उर्जा प्रदान करता है, उस उर्जा से आपको पुण्य प्राप्त होगा।

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श्री बाबा धाम मंदिर सचिव महंत आदित्यपुरी राजा भैया ने बताया कि कथा के मुख्य यजमान स्वयं हनुमानजी महाराजजी हैं। भक्तों को 7 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर 1 से 4 बजे तक श्रीराम कथा का रसपान गुरू मां कराएंगी। जिसका सीधा प्रसारण भी धर्म संदेश चैनल पर प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक होगा। इसी दिन रात 10 से 1 बजे तक आस्था चैनल पर कथा का प्रसारण होगा।

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