पूर्व मंत्री बोले- मैं महाकाल नहीं गया, घर के पास ही कर लिए दर्शन, क्योंकि…!

By AV NEWS

देवास विधायक के बेटे की गाडिय़ां महाकाल लोक के अंदर जाने का मामला, समान व्यवस्था के पक्ष में कांग्रेस

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। देवास विधायक गायत्री राजे पवार के बेटे विक्रमसिंह पवार के हूटर लगी तीन गाडिय़ों सहित महाकाल लोक जाने के मामले में प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस का कहना है मंदिर में बिना भेदभाव के एक समान व्यवस्था लागू होना चाहिए, वहीं भाजपा का कहना है प्रशासन की व्यवस्था का पालन करना चाहिए। इस घटना के बीच पूर्व मंत्री पारस जैन ने एक आदर्श सामने रखा कि वे अनुमति नहीं मिलने पर महाकाल मंदिर नहीं गए और घर के पास ही नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन किए।

विधायक पुत्र विक्रमसिंह की तीन गाडिय़ों पर पुलिस ने 29 हजार 500 रुपए का जुर्माना कर सभी वीआईपी दर्शनार्थियों को नसीहत देने की कोशिश की है ताकि कोई भी भीड़ के दिनों में महाकाल लोक तक कार से जाने की कोशिश न करे। लेकिन यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि तीनों गाडिय़ां महाकाल लोक के करीब पहुंची ही कैसे? कांग्रेस ने प्रशासन की कार्रवाई पर कोई प्रतिक्रिया न देते हुए इस बात पर जोर दिया है कि महाकाल मंदिर में सभी दर्शनार्थियों के लिए एक जैसी व्यवस्था लागू होनी चाहिए।

इस घटनाक्रम के बीच चौंकाने वाला पहलू यह भी सामने आया है कि पूर्व मंत्री और उत्तर क्षेत्र के पूर्व विधायक पारस जैन को महाकाल मंदिर परिसर में नागचंद्रेश्वर मंदिर जाने के लिए कोई पास प्रशासन की ओर से जारी नहीं किया गया। खुद पूर्व विधायक जैन ने कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से बात की तो स्पष्ट किया गया कि पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री को पास जारी नहीं किए जा रहे हैं। इस पर जैन ने भी व्यवस्था को स्वीकार कर महाकाल मंदिर जाने की जगह अपने घर के पास ही नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन किए। जैन का कहना है कि सभी वीआईपी को मंदिर की व्यवस्थाओं का पालन करना चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष तोमर हैं प्रेरणास्त्रोत… : भाजपा सूत्रों के अनुसार बढ़ते वीआईपी कल्चर के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्रसिंह तोमर एक प्रेरणास्त्रोत हैं। वे किसी भी मंदिर में जाने से पहले कहते हैं भीड़ अधिक हो और व्यवस्था बिगड़े तो मुझे न ले जाएं। किसी भी मंदिर में वे व्यवस्था के तहत ही दर्शन करते हैं।

विवेक सम्मत निर्णय जरूरी

जब किसी मंदिर या स्थान पर भीड़ अधिक हो रही हो तो प्रत्येक वीआईपी को विवेक सम्मत निर्णय लेना चाहिए ताकि आम लोग भी परेशान न हों और प्रशासन भी अपना काम कर सके। -अनिल जैन कालूहेड़ा, विधायक उज्जैन उत्तर

प्रशासन ने जो व्यवस्था की है, उसका पालन हो

हां, यह सही है कि मुझे भी महाकाल मंदिर में नागचंद्रेश्वर मंदिर के लिए पास नहीं मिले थे। हमेशा पूर्व मंत्री को पास देने की व्यवस्था रही है। इस कारण कलेक्टर से चर्चा की तो उन्होंने कहा पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री को पास नहीं दिए जा रहे हैं। इस पर मैं स्वयं भी मंदिर नहीं गया। प्रशासन ने जो व्यवस्था की है, उसका पालन करना चाहिए। -पारस जैन, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक

एक समान हो व्यवस्था

मंदिरों में, विशेष रूप से महाकाल मंदिर जहां देश भर से श्रद्धालु बड़ी आस्था से आते हैं तो व्यवस्था अच्छी हो और एक समान हो। इसमें भेदभाव न किया जाए। महाकाल लोक तक तीन गाडिय़ां पहुंच कैसे गई, यह भी ठीक नहीं। – मनोहर बैरागी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता

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