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गुणवत्ता का ऑडिट होगा,ग्रेडिंग में खरे नहीं उतरे तो संस्था पर लगेंगे ताले…

अनुदान से समाज सेवा करने वालों पर सरकार की नजर

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अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। अनुदान लेकर समाज-सेवा करने वाली संस्थाओं पर सरकार शिकंजा कसने जा रही है। इसके तहत संस्थाओं द्वारा किए जाने वाले कामों की हकीकत की पड़ताल की जाएगी। सामाजिक संस्थाओं की गुणवत्ता ऑडिट होगा, जिसके आधार पर ही ग्रेडिंग होगी और उसके आधार पर ही अंक दिए जाएंगे।

 

50 फीसदी तक अंक पाने वाली संस्थाओं पर कोई खतरा नहीं रहेगा, लेकिन जिन संस्थाओं को इससे कम अंक मिलेंगे उनकी मान्यता संकट में आ जाएगी। पड़ताल में संस्था खरी नहीं उतरती है, तो फिर न केवल उसका अनुदान बंद कर दिया जाएगा, बल्कि उसकी मान्यता भी रद्द कर दी जाएगी। प्रदेश में तमाम समाजसेवी संस्थाएं सरकार से हर साल लाखों रुपयों का अनुदान लेकर समाजसेवा का कार्य करती है।

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सरकार के पास प्रदेश की अनेक संस्थाओं को लेकर शिकायते पहुंची है कि अनुदान प्राप्त कई संस्थाओं वास्तविकता में काम होता ही नहीं है। समाज सेवा के यह काम महज कागजों पर ही होते हैं। अब ऐसी समाजसेवी संस्थाओं पर सरकार शिकंजा कसने जा रही है। इस के बाद सामाजिक संस्थाओं की गुणवत्ता ऑडिट किया जा रहा है। इसके आधार पर संस्था की ग्रेडिंग होगी और उसके आधार पर ही अंक दिए जाएंगे।

लिखना होगी टीप

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सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन विभाग ने अनुदान प्राप्त संस्थाओं के ऑडिट के आदेश दिए हैं। विभाग ने सभी संयुक्त संचालकों, उप संचालकों को निर्देश दिया है कि संस्थाओं का निरीक्षण कर गुणवत्ता ऑडिट कराया जाए। ऑडिट हर तीन माह में होगा। इसकी रिपोर्ट भी तय समय में भेजनी होगी। ऑडिट के बाद किस संस्था का काम कैसा है, इसको लेकर उसमें टीप भी लिखनी होगी, जिसमें बताना होगा कि काम संतोषजनक, अच्छा, बहुत अच्छा, उत्कृष्ट या किस तरह का पाया गया है।

इसी तरह से निर्देश में कहा गया है कि 50 से कम अंक आने वाली संस्थाओं का संचालन सुचारू न होने पर उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें। इसके अलावा अन्य ग्रेड प्राप्त करने वाली संस्थाओं को बेहतर श्रेणी में आने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाए। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन विभाग उज्जैन के संयुक्त संचालक सतीश सोलंकी नग बताया कि जिले में संस्थाओं के गुणवत्ता ऑडिट किया जा रहा है। समय-सीमा में रिपोर्ट विभा को भेजी जाएगी।

इन बिंदुओं पर ऑडिट

सफाई : किचन, शौचालय, रहवासी कक्ष, बिस्तर व्यवस्थित और साफ हैं या नहीं। वाटर कूलर, आरओ की नियमित साफ-सफाई तथा प्रयोग में लाया जाना।

भोजन : माह में एक बार न्युट्रीशनिष्ट की सेवाएं ली जाएं, खाद्य सामग्री स्टॉक की समुचित व्यवस्था।

स्वास्थ्य : डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, केयर टेकर की उपलब्धता एवं संतोषप्रद सेवा की स्थिति, स्टाफ को प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स और अन्य के उपयोग के बारे में पता होना चाहिए। माह में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण हो।

सुरक्षा : सीसीटीवी कैमरे की उपलब्धता, रोजाना की रिकार्डिंग, गार्ड, हेल्पलाइन नंबर नोटिस बोर्ड पर, विजिटर रजिस्टर का संधारण।

फर्नीचर, वाहन : संस्था में पलंग, अलमारी, टेबल-कुर्सी, डेस्क, फ्रिज, कूलर, पंखे, लाइट, इमरजेंसी वाहन इत्यादि की उपलब्धता।

मनोरंजन के साधन : टीवी, रेडियो, वाद्ययंत्र, खेलकूद सामग्री, रोज संगीत कला, योग, ध्यान शिक्षक की उपलब्धता।

रिकॉर्ड : पासबुक अपडेट है या नहीं। स्टाफ की उपस्थिति रजिस्टर का संधारण, हर हितग्राही को दवाओं का वितरण।

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