सांदीपनि आश्रम, नारायण धाम तीर्थ स्थल के रूप में विकसित होंगे

By AV News

मालवा क्षेत्र के चार स्थानों से भगवान श्रीकृष्ण का संबंध

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। द्वापर काल में भगवान श्रीकृष्ण की विविध कर्मस्थली रही है। इनमें से चार का संबंध मालवा क्षेत्र से रहा है। इनमें उज्जैन का सांदीपनि आश्रम, उज्जैन (महिदपुर) का नारायण धाम, धार जिले का अमझेरा धाम मंदिर और इंदौर के महू में भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव शामिल हैं। प्रदेश सरकार द्वारा धार्मिक महत्व के इन चारों स्थानों को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

मध्यप्रदेश भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीराम से प्रेरित और पावन भूमि है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की भावनाओं और मंशा अनुसार रकार इस बार जन्माष्टमी के पर्व को विशेष तौर पर मनाने जा रही है। इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े चार स्थान सांदीपनि आश्रम,नारायण धाम,अमझेरा धाम मंदिर और भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन स्थानों से भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा,मित्रता और सुदर्शन चक्र प्राप्ति की कथाएं जुड़ी है।

नारायण धाम
नारायण धाम उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील से करीब 9 किमी दूर है। यह श्रीकृष्ण मंदिर है। यह दुनिया का एकमात्र मंदिर ऐसा मंदिर है, जिसमें श्रीकृष्ण अपने मित्र सुदामा के साथ विराजते हैं। नारायण धाम मंदिर में कृष्ण-सुदामा की अटूट मित्रता को पेड़ों के प्रमाण के तौर में भी देख सकते हैं। कहा जाता है कि नारायण धाम ये पेड़ उन्हीं लकडिय़ों से फले-फूले हैं, जो श्रीकृष्ण व सुदामा ने एकत्रित की थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कहना है कि यह मध्य प्रदेश का सौभाग्य है कि नारायण धाम वह स्थान है, जहां भगवान कृष्ण की सुदामा से मित्रता हुई।

सांदीपनि आश्रम
इस आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण ने गुरु सांदीपनि शिक्षा ग्रहण की। सांदीपनि आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण यहां चौसठ दिन रहे थे। इस दौरान उन्होंने गुरु सांदीपनि के सानिध्य में चौसठ कला व चौदह विद्या का अध्ययन किया। आश्रम में गोमती कुंड नाम का तालाब भी है, जिसमें भगवान कृष्ण ने पवित्र केंद्रों से पवित्र जल इक_ा किया था, ताकि गुरु सांदीपनि को पवित्र जल प्राप्त करने में आसानी हो। इस तालाब का पानी पवित्र माना जाता है। यहां आने वाले भक्त तालाब का पानी घर ले जाते हैं।

जानापाव
इंदौर के महू के पास जानापाव भगवान परशुराम की जन्मस्थली है। यहां विनम्रता और श्रद्धा से भगवान परशुराम जी से सुदर्शन चक्र भगवान श्री कृष्ण ने प्राप्त किया था। कहा जाता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण जब भगवान परशुराम से मिलने जानापाव गए थे। वहां परशुराम ने कृष्ण को उपहार में सुदर्शन चक्र दिया।

अमझेरा धाम
मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने जिस स्थान से रुक्मिणी का हरण किया था, वो अमका-झमका मंदिर धार जिले के अमझेरा में स्थित है। स्थानीय लोगों के मुताबिक यह मंदिर रुक्मिणी की कुलदेवी का था। वह यहां पूजा करने आया करती थी। पौराणिक युग में इस स्थान को कुन्दनपुर के नाम से जाना जाता था।

श्री कृष्ण की विद्यास्थली कागज के फूलों से सजेगी
जन्माष्टमी पर सीएम करेंगे अभिषेक पूजन, गोपाल मंदिर भी जाएंगे
सांदीपनि आश्रम संवरेगा, बनेगा मास्टर प्लान

उज्जैन। भगवान श्रीकृष्ण की विद्यास्थली महर्षि सांदीपनि आश्रम को तीर्थ क्षेत्र घोषित करने के साथ ही धर्मस्व विभाग ने इसके विकास का मास्टर प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है। जन्माष्टमी पर 26 अगस्त को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव यहां अभिषेक पूजन करेंगे। इस अवसर पर आश्रम को कागज के फूलों से सजाया जाएगा। इस बार मंदिर के बाहर बड़ी एलईडी स्क्रीन भी लगाई जाएगी, जिससे श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकेंगे। सीएम डॉ. यादव इसी दिन गोपाल मंदिर पर आयोजित पूजन अभिषेक में भी शामिल होंगे। मंगलनाथ मंदिर मार्ग स्थित महर्षि सांदीपनि आश्रम जहां कभी भगवान श्रीकृष्ण पढऩे आए थे, वह स्थान अब तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित होगा।

उज्जैन स्थित धर्मस्व एवं धार्मिक न्यास विभाग ने इसके लिए मास्टर प्लान की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग के डायरेक्टर और संभागायुक्त संजय गुप्ता ने बताया विशेषज्ञों के माध्यम से सांदीपनि आश्रम का मास्टर प्लान तैयार कराएंगे। आश्रम के सामने पार्किंग बनाई जाएगी, जिससे सिंहस्थ 2028 के समय वाहन पार्किंग की समस्या नहीं रहेगी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सीएम डॉ. यादव सुबह करीब 11.30 बजे आश्रम आएंगे और पूजन अभिषेक में शामिल होंगे। भाजपा के महामंत्री संजय अग्रवाल ने बताया सीएम डॉ. यादव 25 अगस्त की रात्रि ही शहर आएंगे। वे इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे और जन्माष्टमी पर शहर में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इस दौरान वे आश्रम के विकास की योजना पर अधिकारियों से चर्चा करेंगे।

डिजिटल सजावट जैसा दिखेगा लुक
महर्षि सांदीपनि आश्रम के मुख्य पुजारी पंडित रूपम व्यास ने बताया जन्माष्टमी पर मंदिर को इस बार कागज के फूलों से खास तरह से सजाया जाएगा। ऐसा लगेगा मानो डिजिटल सजावट की गई है। मंदिर के बाहर एलईडी भी लगाई जाएगी, जिस पर श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।

Share This Article