रामजी के बाल स्वरूप में नजर आएंगे गणपति बप्पा

By AV NEWS

शहर में दस दिनी गणेशोत्सव की तैयारी, मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहे कलाकार

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शहर में 7 सितंबर से शुरू हो रहे दस दिनी गणेशोत्सव के उल्लास की झलक नजर आने लगी है। गणेश उत्सव समिति अपने आयोजन को खास बनाने की तैयारी कर रही है। भगवान गणेश की मूर्तियों में भी नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। कही गणेश को अयोध्या में प्रतिष्ठित भगवान राम के बाल स्वरूप मूर्ति की तरह तैयार किया जा रहा है,तो चिंतामन गणेश की प्रतिकृति भी बन रही है।

गणेश चतुर्थी पर लोग घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना करते हैं और दस दिनों तक बप्पा का पूजन किया जाता है। इसके साथ ही सार्वजनिक तौर पर भी जगह-जगह भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना की जाती है और दस दिनों तक गणेश उत्सव मनाया जाता है। मूर्तिकार बप्पा के कई स्वरूपों की मूर्तियां बना रहे हैं। शहर में कई स्थानों पर मुर्तियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बारिश के कारण गीली रह गई मूर्तियों को हीटर और हैलोजन लगाकर सुखाया जा रहा है।

सूखी मूर्तियों का रंग रोगन भी किया जा रहा है। वर्षों से गणेशजी और दुर्गाजी की मूर्तिंयों का निर्माण करने वाले कलाकार ऋषिकेश पाल ने बताया कि इस बार अलग-अलग मंड़लों ने गणेशजी की विविध तरह की मूर्तियों की डिमांड़ कर आर्डर दिए है। उनके द्वारा 3 से लेकर 21 फीट उंची मूर्तियों का निर्माण किया गया है। इनमें सबसे खास 11 फीट की मूर्ति है। इसे अयोध्या के राम मंदिर में विराजित भगवान राम की मूर्ति की तरह तैयार किया जा रहा है।

गणेश जी की यह मूर्ति उज्जैन के ही एक मंड़ल द्वारा विराजित की जाएगी। इसके अलावा चिंतामन गणेश की प्रतिकृति भी तैयार कर रहे है। शहर इस बार भी छोटे-बड़े 1000 के करीब गणेशोत्सव के सार्वजनिक आयोजन होंगे। इनमें प्रथम पूजनीय कई स्वरूपों में नजर आएंगे। पंडालों में विधि-विधान से 3 से लेकर 21 फीट उंची मूर्तियां विराजित की जाएगी।

सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग में आगमन

भगवान गणेश की स्थापना 7 सितंबर शनिवार के दिन मंगलकारी चित्रा-स्वाति नक्षत्र के साथ ब्रह्म योग में होगी। रिद्धि-सिद्धि के दाता का आगमन सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग मे हो रहा है है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 6 सितंबर को दोपहर 3.01 बजे से 7 सितंबर को शाम 5.37 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार भगवान गणेश के स्थापना के लिए श्रेष्ठ समय 7 सितंबर को सुबह 11.03 से दोपहर 1.34 बजे तक 2 घंटे 31 मिनिट रहेगा। गणेश विसर्जन 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर होगा।

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