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शाही सवारी : राजसी वैभव के साथ भादौ मास में भगवान महाकाल का अंतिम नगर भ्रमण

हर हाल में पालकी रात 10 बजे तक मंदिर पहुंचाने का लक्ष्य

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी के क्रम आज निकलने वाली प्रमुख सवारी की पालकी को रात 10 बजे तक मंदिर पहुंचाने का लक्ष्य प्रशासन ने तय किया है। भगवान महाकाल राजसी वैभव के साथ नगर भ्रमण करेंगे। बीते कुछ समय से सवारी में भगवान के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि होने से प्रशासन को इंतजामों में खासी मशक्कत करना पड़ रही है। इसमें सबसे बड़ी चुनौती पालकी को तय समय पर मंदिर परिसर में लाना है। शाही सवारी को रात १० बजे तक मंदिर में पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

 

इसके लिए मिनट-टू मिनट कार्यक्रम तय किया गया है। भगवान महाकाल की शाही सवारी शहर में सात किमी भ्रमण करेगी और रात 10 बजे फिर मंदिर लौटेगी। सवारी में भगवान महाकाल छह स्वरूप में दर्शन देंगे। भगवान चंद्रमोलेश्वर की पालकी 15 वें क्रम पर रहेगी। प्रशासन की तैयारी है कि पालकी हर हाल में शयन आरती के समय के पहले मंदिर पहुंच जाए। इसके लिए पालकी को कहीं भी रोका नहीं जाएगा। भजन मंडलियों को कही भी रुकने नहीं दिया जाएगा। सवारी के लिए लोगों के पहुंचने का क्रम सुबह से ही शुरू हो गया है। उम्मीद की जा रही है कि करीबन ५ लाख लोग इसमें शामिल हो सकते हैं।

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गुदुम बाजा लोक नर्तक दल

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशानुरूप जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल भी सहभागिता कर रहा है। शाही सवारी में मध्यप्रदेश के लालपुर, डिंडोरी जिले का आदिवासी धुलिया जनजाति गुदुम बाजा लोक नर्तक दल दिनेश कुमार भार्वे के नेतृत्व में अपनी प्रस्तुति देते हुए चलेगें। प्रशासन ने सवारी को रात 10 बजे तक मंदिर में पहुंचाने और दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ का प्रबंधन करने व सुरक्षा को लेकर पूरी तैयारी की है।

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यह होंगे सवारी में शामिल
सवारी में तोपची, चांदी का ध्वज, घुड़सवार, विशेष सशस्त्र बल, स्काउट, गाइड सदस्य, कांग्रेस सेवा दल, 70 भजन मंडलियां, साधु-संत, पुलिस बैंड, नगर सेना सलामी गार्ड, भगवान चंद्रमोलेश्वर की प्रमुख पालकी, गरूड़ पर शिवतांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश, रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारबिंद, रथ घटाटोप मुखौटा और सप्तधान मुखारबिंद होंगे। हाथी पर मनमहेश स्वरूप के दर्शन होंगे।

सिंधिया रामघाट पर भगवान का पूजन अर्चन करेंगे
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार शाम 5.10 बजे रामघाट पहुंचकर महाकाल का पूजन अर्चन करेंगे। इसके बाद सिंधिया इंदौर रवाना हो जाएंगे। प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल दोपहर दो बजे सर्किट हाउस पहुंचेगे। बाद में वे केंद्रीय मंत्री सिंधिया के साथ रामघाट पर पूजन के मौके रहेंगे। प्रभारी मंत्री मंगलवार की सुबह भगवान महाकाल की भस्म आरती में शामिल होंगे और उसके बाद भोपाल रवाना हो जाएंगे।

सवारी कब-कहां
सवारी 4.20 बजे कोट मोहल्ला, 4.30 बजे गुदरी चौराहा, 4.45 बजे बक्षी बाजार चौराहा, 5 बजे हरसिद्धि पाल, 5.15 बजे रामघाट पर पूजन, 6 बजे वापसी बंबई वाले की धर्मशाला, 6.30 बजे गणगौर दरवाजा, 7 बजे सत्यनारायण मंदिर, 7.30 बजे कमरी मार्ग, 7.45 बजे टंकी चौराहा, 8 बजे तेलीवाड़ा, 8.30 बजे कंठाल चौराहा, 9 बजे गोपाल मंदिर, 9.30 बजे गुदरी चौराहा, 9.45 बजे कोट मोहल्ला और रात 10 बजे मंदिर परिसर पहुंचेगी। शाही सवारी का मार्ग करीब सात किलोमीटर लंबा रहेगा। भगवान महाकाल के स्वागत के लिए सवारी मार्ग पर जोरदार साज-सज्जा की गई है।

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