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950 करोड़ रुपए की लागत से Ujjain-Indore के बीच नए फोरलेन की कवायद

चिंतामन गणेश मंदिर मार्ग से इंदौर एयरपोर्ट तक बनेगा

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा और घोषणा के अनुरूप उज्जैन से इंदौर जाने के लिए वर्तमान हाई-वे के अलावा एक और वैकल्पिक फोरलेन को आकार देने की कवायद होने लगी है। प्रारंभिक कार्य योजना के अनुसार नया फोरलेन चिंतामन गणेश मंदिर मार्ग से इंदौर एयरपोर्ट तक बनेगा। नए फोरलेन से इंदौर शहर में प्रवेश किए बगैर ही एयरपोर्ट तक आना-जाना हो सकता है।

 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने करीब 6  माह पहले उज्जैन-इंदौर के बीच नए फोरलेन के निर्माण की घोषणा कर अधिकारियों को इसकी योजना बनाने के निर्देश दिए थे। इसके साथ बीते दिनों इंदौर में आयोजित विकास की बैठक सीएम डॉ.यादव ने वैकल्पिक फोरलेन पर जल्द प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे। प्रस्तावित फोटरलेन से जुड़े गांवों में विकास की राह खुलेगी। इस फोरलेन के मध्य आने वाले गांव के आसपास की जमीन पर स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, होटल, गोदाम, पेट्रोल पंप, माल आदि खोलने को कई लोगों ने अभी से जमीन आरक्षित कर ली है।

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सिक्सलेन का सर्वे शुरू

सिंहस्थ को ध्यान में रखकर इंदौर-उज्जैन फोरलेन को सिक्सलेन में बदला जाएगा। विस्तार करने को लेकर सर्वे शुरू हो चुका है। सर्वे पूर्ण होते ही काम शुरू किया जाएगा। मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) और निर्माण एजेंसी के बीच अनुबंध हो चुका है। वर्तमान में उज्जैन-इंदौर पहुंच के लिए फोरलेन सड़क पहले से उपलब्ध है। यह मार्ग हरीफाटक ओवर ब्रिज-नानाखेड़ा चौराहे से निनोरा, पंथपिपलई, किठोदा, बड़ादिया खान, कायस्थ खेड़ी, सांवेर, तराना, राजोदा, धरमपुरी गांव होकर इंदौर में अरबिंदो अस्पताल चौराहे पर जाकर जुड़ता है।

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यह है प्रारंभिक योजना

नया फोरलेन फोरलेन उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर मार्ग से जुड़कर चंद्रावतीगंज, अजनोद, खजूरिया, हातोद, गांधी नगर के रास्ते इंदौर एयरपोर्ट तक बनेगा। इंदौर में सुपर कारिडोर से सीधे कनेक्ट होगा।

नए फोरलेन की कुल लंबाई 65 किमी की होगी।

योजना पर 950 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होने से सड़क मार्ग पर यातायात सुगम और सुरक्षित होगा।

इंदौर एयरपोर्ट से बायपास फोरलेन सड़क मार्ग से चलकर चिंताामन गणेश मंदिर होते हुए सीधे महाकाल मंदिर पहुंच सकेंगे।

इनका कहना

मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) प्रोजेक्ट की विस्तृत कार्य योजना यानी डीपीआर बना रहा है। कैबिनेट मीटिंग में डीपीआर,वित्त और प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद आगे प्रक्रिया प्रारंभ होगी। – राकेश कुमार जैन महाप्रबंध,एमपीआरडीसी इंदौर

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