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कुंड के काले, गंदे, बदबूदार और कीड़े वाले जल में पितरों के लिए तर्पण करेंगे श्रद्धालु

पितृपक्ष में अनदेखी : नगर निगम के जिम्मेदारों ने गयाकोठा के हालात की ओर ध्यान नहीं दिया

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गया जी का फल मिलता है गया कोठा में

 

अधूरे निर्माण में छोड़े गए सरिये लहूलुहान कर देते हैं श्रद्धालुओं को

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। गणेश विसर्जन हो गया। सोमवार को अक्षर विश्व की टीम ने गया कोठा तीर्थ का मुआयना किया। हालात बद से बदतर नजर आए। अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए बिहार के गया जी जाते हैं। उज्जैन में भी गया कोठा है यहां भी गया जी जैसा ही फल प्राप्त होता है। शिवराज सरकार के दौरान गया कोठा का कायाकल्प हुआ लेकिन निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया। इसकी देखरेख का जिम्मा नगर के कर्णधारों पर है। आप जब गया कोठा पहुंचेंगे तक नगर निगम की व्यवस्था से रूबरू होंगे। पता चलेगा कि जिम्मेदारों ने क्या किया है।

मंगलवार की सुबह से ही यहां लोगों का जमावड़ा लगेगा। पिंडदान कराने के लिए दूर दूर से श्रदलु आएंगे। नगर निगम के जिम्मेदारों ने सफाई कर्मचारियों को भेज कर आधी अधूरी सफाई करवा दी है। रास्ते में गिट्टी और पत्थर श्रद्धालुओं की परीक्षा लेंगे। कुंड के चारों और लगे सरिये अपने स्थान से ऊपर आ गए हैं। कुछ सरिये तो खड़े हो गए हैं। यदि किसी की नजर चुकी तो यह तय मान कर चलिए कि टांके जरूर लगेंगे। इस समस्या की ओर जिम्मेदारों ने ध्यान ही नहीं दिया है।

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पंडित जी की भी सुन लीजिए

गया कोठा पर मौजूद पंडित श्याम सुंदर शर्मा ने कहा कि आप लोगों ने यहां सबकुछ देख लिया। अब सोचिए कि इन अव्यवस्थाओं के बीच कैसे तर्पण होगा। कुंड की हालत आपने देख ही ली। पानी में काई है, गंदगी है और बदबू आ रही है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की क्या हालत होगी। नगर निगम प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।

झाडूू लगाने से कुछ नहीं होता
पंडित जितेंद्र शुक्ल ने कहा कि यहां झाड़ू लगाई गई है। इससे क्या होता है। गंदगी तो वहीं की वहीं है। यह पवित्र स्थल है। इसकी महत्ता को प्रशासन नहीं समझ रहा है। पूरे पंद्रह दिन चहां श्रदलुओं का आगमन होगा। पिंडदान और तर्पण होगा। वीआईपी ड्यूटी में तैनात अफसरों को यहां के हालात भी देखना चाहिए।

पंडितों के पूजा स्थल पर गंदगी
गया कोठा कुंड के सामने पंडितों के लिए सात स्थल बनाए गए हैं। योजना अच्छी थी। लेकिन नगर निगम ने योजनाकारों के किए धरे पर पानी फेर दिया। बगैर दरवाजे वाले कमरे नुमा इन स्थलों की हालत भी दयनीय है। गंदगी फैल रही है। गंदे कपड़े पड़े हैं जो बदबू मार रहे हैं। इन्हीं पूजा स्थलों के पास गिट्टी के और मिट्टी के ढेर लगे हैं।

कुंड में गंदगी का अंबार

गया कोठा में पिंड दान के बाद तर्पण होता है। तर्पण करने वाले को कुंड तक पहुंचना पड़ता है। आप कुंड की हालत देखेंगे तो चौंक जाएंगे। पानी बदबू मार रहा है। कीड़े तैर रहे हैं। गंदगी साफ बता रही है कि सफाई करने वालों ने सफाई नहीं की। न जाने कब की पुष्प मालाएं पड़ी हैं। क्षेत्र में घूमने वाले कुत्तों ने भी अपनाी करामात दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कुल मिला कर बात यह है कि इसी गंदेले पानी में पुण्य कर्म होगा।

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