कर्ज के 7000 रुपए बाकी थे, मांग रहा था 1 लाख

सूदखोर ने गाड़ी छीनी, ऑटो ड्राइवर ने दी जहर खाकर जान,
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रात 3 बजे थाने में परिजनों का हंगामा, आरोपी हिरासत में

अक्षरविश्व न्यूज : उज्जैन। ऑटो चालक ने सूदखोर की प्रताडऩा से तंग आकर सल्फास खाकर जान दे दी। प्रकरण दर्ज करने में दो थानों की पुलिस द्वारा टालमटोल करने पर परिजनों ने रात 3 बजे थाने में हंगामा कर दिया। सीएसपी थाने पहुंची जिसके बाद खाराकुआं थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर सूदखोर को हिरासत में लिया।
राजेश धानुक पिता रामचरण 45 वर्ष निवासी ध्रुव नगर जयसिंहपुरा ऑटो चालक था। उसने दौलतगंज से सल्फास खरीदकर पी ली। गंभीर हालत में वह देवासगेट बस स्टैंड पर मिला। परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां पुलिस को बयान देने के बाद देर रात उसकी मृत्यु हो गई। भाई लोकेश धानुक ने बताया कि राजेश ने जितेन्द्र चौधरी पिता मदनलाल निवासी गणेश कालोनी से 10 हजार रुपए 20 प्रतिशत ब्याज पर उधार लिए थे।
इनमें से 3 हजार रुपए लौटा भी दिए थे। बाकी 7 हजार रुपए देना थे। जितेन्द्र ब्याज और पेनल्टी जोड़कर एक लाख रुपए की मांग कर रहा था। गुरूवार दोपहर उसने देवासगेट चौराहे से राजेश की ऑटो छीन ली और अपने घर खड़ी कर ली। परेशान राजेश घर आया और कुछ देर रुकने के बाद वापस चला गया। उसके गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती होने की सूचना परिजनों को मिली। देवासगेट पुलिस राजेश के बयान लेने अस्पताल पहुंची जहां उसने जितेन्द्र चौधरी द्वारा प्रताडि़त करने व आटो छीन कर रुपयों की मांग करने के कथन पुलिस को दिए।
इसलिए करना पड़ा हंगामा
लोकेश ने बताया कि देर रात राजेश की मृत्यु होने के बाद हम लोग देवासगेट थाने गए थे। वहां बैठे पुलिसकर्मियों ने कहा कि राजेश ने सल्फास दौलतगंज से खरीदी थी इस कारण खाराकुआं थाना पुलिस कार्रवाई करेगी। खाराकुआं थाने गए तो वहां से देवासगेट थाने भेज दिया। पुलिस द्वारा केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करने में टालमटोल की जा रही थी। इस कारण हंगामा करना पड़ा। बाद में माधव नगर सीएसपी थाने आईं और दोनों थाना प्रभारियों को भी बुलाया व खाराकुआं थाने में मर्ग कायम कर आरोपी जितेन्द्र चौधरी को हिरासत में लिया गया।
20% ब्याज पर भी रुपए देने को तैयार था
लोकेश ने बताया कि जितेन्द्र यदि ऑटो नहीं छीनता तो राजेश उसके 20 प्रतिशत ब्याज सहित रुपए लौटा रहा था। सूदखोर की प्रताडऩा से तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली। उसके परिवार में पत्नी व 3 बच्चे हैं। आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है।
कुछ ही दिन चली मुहिम
उज्जैन में पूर्व में सूदखोरों की वजह से कई लोगों ने आत्महत्या की है। सूदखोरों से परेशान होकर लोगों को मजबूर होना पड़ता है और वे आत्महत्या कर लेते हैं। तीन वर्ष पहले सूदखोरी के कारण परेशान होकर भोपाल के एक ही परिवार के पांच लोगों ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली थी। वहीं उज्जैन में वर्ष 2020-21 के दौरान अलग-अलग मामलों में 10 से अधिक लोगों ने सूदखोरों से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश प्रदेशभर के सभी जिलों में सूदखोरों पर कार्रवाई के लिए थानों पर अलग से डेस्क बनाने के निर्देश दिए थे।
उस वक्त उज्जैन पुलिस ने कुछ सूदखोरों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं। सूदखोरों से तंग आकर देने के कई मामले सुर्खियों में भी रहे। पुलिस ने कुछ दिनों के लिए मुहिम भी चलाई, जो ज्यादा दिन नहीं चली। ऐसे मामलों में पुलिस केस दर्ज कर लेती है। कई केस में आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई यहां तक कि गिरफ्तारी नहीं हो पाती। ऐसे में सूदखोरी का धंधा चलता रहता है। बता दें कि शहर में सूदखोर 10 से 20 फीसद ब्याज पर रुपए चला रहे हैं।
जरूरतमंद लोग ऊंचे ब्याज पर रुपए ले तो लेते हैं, मगर चुका नहीं पाते। ऊंचे ब्याज के कारण राशि दोगुनी-तिगुनी हो जाती है। रुपए नहीं लौटा पर ब्याजखोर लोगों को धमकी देते हैं। घर आकर प्रताडि़त करते हैं। इस कारण पीडि़त व्यक्ति आत्महत्या को मजबूर हो जाता है। पुलिस का कहना है कि लोग अपनी जान देने के बजाए समय पर शिकायत करें तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।








