अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। पिछले कई दिनों से उच्च शिक्षा जगत में चर्चाओं का बाजार गर्म था कि विक्रम विवि के नए कुलगुरु कौन होंगे? 3 अक्टूबर को चर्चाओं पर विराम लगा जब साइंस कॉलेज प्राचार्य डॉ. अर्पण भारद्वाज विक्रम के 32वें कुलगुरु के रूप में नियुक्त हुए।
डॉ. भारद्वाज ने विक्रम से ही एमएससी और पीएचडी की है। एक विद्यार्थी के लिए यह बड़े गर्व और सौभाग्य की बात होती है कि जिस विश्वविद्यालय से उसने शिक्षा प्राप्त की आज वह विवि का कुलगुरु के पद पर है। इससे पूर्व डॉ. रामराजेश मिश्र यह गौरव प्राप्त कर चुके हैं। प्राचार्य के रूप में डॉ. भारद्वाज ने साइंस कॉलेज को ‘नेक’ से ए प्लस -प्लस ग्रेड दिलवा कर मध्यप्रदेश का रोल मॉडल बना दिया है।
यही कारण है कि जिस पद की दौड़ में देश के लगभग 150 प्रोफेसर शामिल थे, उसमें डॉ. भारद्वाज का चयन हुआ। यह एक बहस का विषय रहा है कि कुलगुरु के पद पर स्थानीय व्यक्ति की नियुक्ति होना चाहिए या किसी बाहरी की। स्थानीय होने के सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि वह विवि की स्थिति और समस्याओं से परिचित होता है ।उसे शैक्षणिक स्टाफ के अलावा विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों से तालमेल में दिक्कत नहीं होती जबकि बाहरी व्यक्ति को नई परिस्थितियों एडजस्ट होने में काफी समय लगता है।
विक्रम विवि कई दिनों से सुर्खियों में रहा है। एडमिशन की कमी, कोर्सों की अधिकता, प्राध्यापकों का अभाव, परीक्षा में गड़बड़ी, पेपर आउट की समस्या, गलत मूल्यांकन, होस्टल्स की अव्यवस्था, लाइब्रेरी की स्थिति, विवि का मूल्यांकन शोध, शिक्षण और अनुसंधान के आधार पर होता है। नए कुलगुरु के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती इन आधारों को मजबूती प्रदान कर विक्रम की साख की पुन:स्थापना करना रहेगी। डॉ. भारद्वाज का विषय कैमिस्ट्री रहा है आशा है एक कुलगुरु के रूप में छात्रों ,प्राध्यापकों और प्रशासनिक कर्मचारियों-अधिकारियों से उनकी कैमिस्ट्री बनी रहेगी।
समय पर सेमेंस्टर पूरा करने पर रहेगा जोर : भारद्धाज
विक्रम विश्वविद्यालय के 32 वें कुलगुरु नियुक्त हुए प्रो. अर्पण भारद्धाज ने कहा कि उनका पूरा फोकस विश्वविद्यालयीन कैलेंडर समय पर पूरा करने और आत्मनिर्भर शिक्षा पर रहेगा। माधव साइंस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. भारद्धाज को गुरुवार को ही राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कुलगुरु नियुक्त किया है। कुलगुरु पद पर ज्वाइनिंग के लिए वह एनओसी का इंतजार कर रहे हैं। अक्षरविश्व से चर्चा में उन्होंने अपनी प्राथमिकता स्पष्ट की। प्रो. भारद्धाज ने कहा कि अभी विश्वविद्यालय सालाना कैलेंडर से पीछे चल रहा है। सेमेस्टर परीक्षाएं लेट हो रही हैं, इस वजह से विद्यार्थी परेशान हैं। उनका पूरा जोर कैलेंडर को व्यवस्थित करने पर रहेगा।
ए प्लस प्लस (्र++) ग्रेड एक उच्च स्तर की ग्रेडिंग
ए प्लस प्लस (्र++) ग्रेड एक उच्च स्तर की ग्रेडिंग है जो कॉलेजों को गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर दी जाती है इसमें शिक्षण, बुनियादी ढांचे, अनुसंधान, छात्र प्रदर्शन, और समग्र शैक्षिक माहौल को ध्यान में रखा जाता है। यह ग्रेड नैक (NACC-National Assessment and Accreditation Nouncil ) द्वारा दी जाती है।