पुलिसकर्मी मौजूद है लेकिन जांच नहीं होती
मोबाइल और बैग प्रतिबंधित है लेकिन रोकने वाला कोई नहीं
विशाल जूनवाल और टीम | उज्जैन। महाकाल मंदिर की तरह भातपूजा के लिए मशहूर मंगलनाथ मंदिर भी सुरक्षित नहीं है। यहां सुरक्षा के लिए सिर्फ ज्ञान बांटा गया है, उपाय कुछ नहीं है। पुलिसकर्मी तैनात हैं लेकिन वे यह नहीं देखते कि मंदिर में कौन-क्या ले जा रहा है। एक ओर जहां मंदिरों और एयरपोर्ट बम से उड़ाने की धमकी दी जा रही है। वहीं मंदिरों के व्यवस्थापक सुरक्षा से लापरवाह बने हुए हैं।
अक्षर विश्व की टीम ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दौरा किया। यहां यह पाया गया कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। मंदिर के प्रमुख द्वार पर पूछताछ करने वाला कोई नहीं मिला। अलबत्ता पुजारी जरूर मिले जो यह पूछते रहे, भातपूजा कराना है? अभिषेक कराएंगे? हमारी टीम यहां से आगे बढ़ी सीढिय़ां चढ़ते हुए आगे बढ़े। मंदिर में शिवलिंग तक पहुंचने के लिए जूता स्टैंड के समीप सीढिय़ां बनी हुई हैं। यहीं से आगे बढ़ते हैं। यहां मंगलनाथ मंदिर प्रबंध समिति ने एक बोर्ड लगा रखा है। ‘मंदिर में मोबाइल, बैग ले जाना प्रतिबंधित है’। यह सिर्फ लिखा हुआ है। इसका पालन नहीं कराया जाता।
दर्शन प्रवेश पर भी सुरक्षा नहीं
हमारी टीम के सदस्य सीढिय़ों से चढ़ते हुए दर्शन प्रवेश स्थल तक पहुंच गए। यहां भी कोई सुरक्षाकर्मी यह पूछने वाला नहीं था कि बैग में क्या है। हद तो तब हो गई जब हमारी टीम बैग और मोबाइल सहित मंदिर में भ्रमण करती रही। टीम ने फोटो भी खींचे और वीडियो भी बनाए। हां, एक पुलिसकर्मी मंदिर के पीछे वाले हिस्से में दिखाई दिया।
उसने देखा जरूर लेकिन यहा टोकने की जुर्रत नहीं की कि आप फोटो ना खींचे और वीडियो ना बनाएं। इस तरह हमारी टीम दर्शन करने के बाद पूरे परिसर से होती हुई पुन: निर्गम द्वार तक आ गई। किसी ने भी पूछताछ नहीं की। तो देखा आपने यह है हमारे उस प्रमुख मंगलनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था जिसकी देशभर में भातपूजा और मंगल ग्रह की उत्पत्ति के लिए चर्चा होती है।
मेरे पास कुछ लोग बैठे हैं- पाठक
मंगलनाथ मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक केके पाठक से जब मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चा की गई तब उन्होंने कहा : सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है। इसके पहले कि हम अगल प्रश्र करते वे बोले मेरे पास कुछ लोग बैठे हैं, बाद में बात करते हैं।