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कलेक्टर ने मां को लगाया मदिरा का भोग, बोले- सौभाग्य से अवसर मिला

महाअष्टमी: देवी-भैरव मंदिरों में अर्पित हुई मदिरा

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सुख-समृद्धि की कामना से चौबीस खंभा माता मंदिर में नगर पूजा

 

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। ढोल-ढमाकों और नगाड़ों की प्रचंड ध्वनि के बीच शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर शुक्रवार सुबह 8 बजे चौबीस खंभा माता मंदिर में नगर पूजा हुई। परंपरा अनुसार कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मां महामाया और मां महालया को मदिरा का भोग लगाकर पूजा की शुरुआत की। वे हाथ में ध्वज और हांडी लेकर कुछ दूर यात्रा के आगे-आगे भी चले। उनके साथ ही अधिकारियों, कर्मचारियों और कोटवारों का दल 27 किलोमीटर की नगर पूजा पर निकला।

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ढोल, ध्वज और हांडी से निरंतर बहती मदिरा की धार के साथ यह यात्रा 27 किमी की परिधि में आने वाले देवी व भैरव मंदिरों में पहुंचेगी जहां उनका विशेष पूजन किया जाएगा। यात्रा के साथ पूजा का यह क्रम रात तक जारी रहेगा। रात 8 बजे अंकपात मार्ग स्थित हांडी फोड़ भैरव मंदिर पर नगर पूजा का समापन होगा।

सम्राट विक्रमादित्य ने की थी नगर पूजा की शुरुआत : ऐसी मान्यता है कि उज्जैन के सम्राट राजा विक्रमादित्य ने अपने राज्य और नगर की खुशहाली एवं सुख-समृद्धि के लिए महाअष्टमी पर नगर पूजा की शुरुआत की थी। कालांतर में रियासतों के समय भी पूजन की परंपरा का निर्वहन किया जाता रहा। आजादी के बाद से शासन द्वारा नगर पूजा करवाई जा रही है जो आज तक अनवरत जारी है। पूजन के पश्चात कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि यह सांस्कृतिक परंपरा प्राचीनकाल से चली आ रही है, मेरा सौभाग्य है कि कलेक्टर होने के नाते मुझे यह अवसर मिला। मेरी यह कामना है कि शहर और जिले में सुख-समृद्धि हो।

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श्रद्धालुओं ने लिया मदिरा का प्रसाद : श्री चौबीस खंभा माता मंदिर में पूजन के पश्चात मदिरा को एक पात्र में एकत्र कर श्रद्धालुओं को छोटे डिस्पोजल कप में वितरित किया गया। श्रद्धालुओं ने भी इसे मां के प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। माना जाता है कि इस प्रसाद को ग्रहण करने से सभी तरह की व्याधियां दूर होती हैं।

सुबह महाअष्टमी, दोपहर 12.07बजे से नवमी : तिथियों में मतांतर के चलते आज महाअष्टमी और महानवमी एक साथ मनाई जा रही है। महाअष्टमी तिथि की शुरुआत गुरुवार दोपहर 12.32 बजे से हुई थी जो शुक्रवार दोपहर 12.07 बजे तक रही। तत्पश्चात नवमी तिथि लग गई जो 12अक्टूबर को सुबह 11 बजे तक रहेगी। इसके बाद विजयादशमी पर्व मनाया जाएगा।

देवी मंदिरों में भीड़, घरों में कन्या पूजन
महाअष्टमी और नवमी एक साथ होने से हरसिद्धि, चामुंडा माता, गढक़ालिका, भूखी माता, नगरकोट सहित अन्य देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की रेलमपेल ही। भक्तों ने सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना के साथ माता के दर्शन कर पूजन किया। यह सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। वहीं घरों में भी कन्या पूजन के आयोजन हुए।

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