24 और 25 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र, खरीदी के लिए होता है बेहद शुभ
पुष्य नक्षत्र योग सुबह 11.38 बजे से शुरू होगा जो दूसरे दिन दोपहर 12.35 बजे तक रहेगा
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शारदीय नवरात्रि एवं दशहरे के बाद खरीदी के लिए शुभ दिन की प्रतीक्षा करने वालों का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। धनतेरस से पहले उन्हें दो दिन खरीदी का महामुहूर्त मिलेगा जिसमें वे अपनी पसंदीदा चीजों को घर ला सकते हैं। हम बात कर रहे हैं पुष्य नक्षत्र की।
उज्जैन पंचांग के अनुसार पुष्य नक्षत्र योग 24 अक्टूबर को सुबह 11.38 बजे से शुरू होगा जो 25अक्टूबर को दोपहर 12.35 बजे तक रहेगा। नक्षत्रों के राजा पुष्य नक्षत्र को खरीदी और शुभ कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन की गई खरीदी स्थायी और विशेष फलदायी मानी जाती है। इस बार भी व्यापारियों को उम्मीद है कि धनतेरस से पहले पुष्य नक्षत्र में जमकर ‘धन’ बरसेगा। ज्योतिषाचार्य पं. अजय कृष्ण शंकर व्यास ने बताया कि पुष्य नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि होता है, जबकि देवता गुरु बृहस्पति हैं और राशि कर्क है।
27 नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र पुष्य है जिसका अर्थ होता है पोषण करने वाला। गुरु पुष्य योग ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत शुभ माना गया है। वार एवं पुष्य नक्षत्र के संयोग से गुरु पुष्य जैसे शुभ योग का निर्माण होता है। दोनों ही धन, समृद्धि और ज्ञान के प्रतीक माने जाते हैं इसलिए इन दोनों के संयोग से बनने वाला यह योग बेहद शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र में सोना-चांदी, वाहन सहित अचल संपत्ति की खरीदारी श्रेष्ठ फलदायी होती है।
इन वस्तुओं की खरीदी विशेष फल देने वाली
सोना, चांदी, हीरा, प्लेटिनम के आभूषण, चौपहिया एवं दोपहिया वाहन, फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप, टेबलेट, माइक्रोवेव, फर्नीचर, वस्त्र, मकान, प्लॉट, फ्लैट, कृषि भूमि, बहीखाते और व्यावसायिक संपत्ति।