Advertisement

हर्षल-सिद्धि योग में 12 को देवउठनी एकादशी

नींद से जागेंगे श्रीहरि, मंगल कार्यों का होगा ‘शुभ आरंभ’, दीपों से रोशन होंगे घर

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। हर्षल और सिद्धि योग में 12 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्रीहरि नींद से जागेंगे और मंगल कार्यों का ‘शुभ आरंभ’ होगा। मंदिरों के साथ घरों में भी तुलसी-शालिग्राम विवाह होंगे। शाम को दीप जलाकर आतिशबाजी की जाएगी।

ज्योतिषाचार्य पं. अजय कृष्ण शंकर व्यास ने बताया एकादशी तिथि 11 नवंबर को शाम 6.46 बजे शुरू होकर 12 नवंबर को शाम 4.04 बजे तक रहेगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। अत: 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और फिर से सृष्टि का संचालन करते हैं। ४ माह से बंद शुभ एवं मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी इसी दिन से होती है। देवप्रबोधिनी एकादशी को देवउठनी और देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है जिसे अत्यंत पवित्र तिथि माना जाता है। दीपावली की तरह इसका लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि मंदिरों के अलावा घरों में भी तुलसी-शालिग्राम विवाह होते हैं, दीप जलाएं जलाकर आतिशबाजी की जाती है।

Advertisement

देव प्रबोधिनी एकादशी पर अबूझ मुहूर्त
कार्तिक शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी पर भगवान के जागने के साथ ही मंगल कार्यों जैसे विवाह, गृहप्रवेश, नया व्यापार या दुकान खोलने के लिए मुहूर्त, मुंडन, की शुरुआत हो जाती है। इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है जिसके चलते बड़ी संख्या में विवाह समारोह का आयोजन होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा कर व्रत रखा जाता है।

कार्तिक में किया दान देता है पुण्य
हिंदू सनातन वैदिक पंचांग का 8वां महीना होता है कार्तिक, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मास में किया स्नान, दान व तुलसी पूजा कभी ना खत्म होने वाला पुण्य देते हैं। जीवन में सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य, आरोग्य, विजय और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति मृत्यु के बाद जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त होता है। भगवान श्रीकृष्ण को कार्तिक मास अतिप्रिय है। जो व्यक्ति इसमें अन्नदान और दीपदान करता है उस पर कुबेर देव की कृपा होती है। कार्तिक मास में दीपदान, तुलसी पूजन, भूमि पर सोना, दलहन की चीजों का त्याग करना, आत्म संयम करना चाहिए। कार्तिक मास में तुलसी की सेवा और उसके सामने दीपक जलाने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

Advertisement

विवाह की शुभ तिथियों पर एक नजर
17 नवंबर, 22 नवंबर, 2 दिसंबर, 3 दिसंबर, 4 दिसंबर, 16 जनवरी, 17 जनवरी, 7 फरवरी, 13 फरवरी, 18 फरवरी, 20 फरवरी, 21 फरवरी, 25 फरवरी, 5 मार्च, 6 मार्च।

Related Articles