पानी के मुद्दे पर सिर्फ बात होती रही, मुद्दों पर अधिकारी जवाब नहीं दे सके
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। पानी के मुद्दे पर नगर निगम के सभागार में एमआईसी की बैठक में अधिकारी ही निशाने पर रहे। सदस्यों के सवाल पर अधिकारी जवाब नहीं दे सके। यह जुमला तक कस दिया गया कि जिला पंचायत की सीईओ जयति सिंह को नगर निगम का आयुक्त बना देना चाहिए। गौरतलब है कि पूर्व में प्रतिभा पाल नगर निगम की आयुक्त रह चुकी हैं। वेे यहां कोई विशेष कमाल नहीं दिखा सकीं, लेकिन इंदौर नगर निगम संभालते ही वहां ढर्रे को पटरी पर ला दिया।
एमआईसी की बैठक में ऐसा कोई विशेष मुद्दा नहीं रहा जिससे शहर की जल व्यवस्था में बदलाव आ सके। सदस्यों ने अपने हिसाब से अपनी बात रखी। बैठक में महापौर मुकेश टटवाल ने कहा कि शहर के नागरिकों को पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़े। इसके लिए गंभीर फिल्टर प्लांट एवं गऊघाट फिल्टर प्लांट पर आवश्यक सुधार कार्य को शीघ्र पूर्ण कराएं।
जो भी जिम्मेदार होगा कार्रवाई की जाएगी
प्रभारी आयुक्त जयति सिंह ने कहा कि जलप्रदाय व्यवस्था में हुए व्यवधान के लिए जो भी जिम्मेदार होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। समिति बना दी है जो जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। शहर में नियमित रुप से शुद्ध पेयजल पर्याप्त दबाव के साथ प्रदाय करना होगा। आवश्यक हुआ तो शासन स्तर पर आवश्यक संसाधन एवं पीएचई अमले की भी मांग की जाएगी।
गंदगी मिलने पर 12 हजार रुपए का जुर्माना वसूला
कलालसेरी क्षेत्र में गंदगी मिलने पर 12 हजार रुपए का जुर्माना किया। अंकित नामक एक गोपालक ने तंग गली में आधा दर्जन गायें पाल रखी थी, जिसके कारण गोबर से गंदगी हो रही थी। महापौर मुकेश टटवाल के निर्देश पर स्वास्थ्य अधिकारी संजेश गुप्ता ने प्रति गाय 2 हजार के मान से 12 हजार रुपए का जुर्माना मौके पर वसूला। दरअसल, शुक्रवार को महापौर ने सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया। इस दौरान तंग गली में गाएं दिखाई दीं, जिससे पूरे क्षेत्र में गंदगी हो रही थी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर की स्वच्छता एवं सुंदरता का विशेष ध्यान रखा जाए प्रमुख चौराहों एवं स्थलों पर कहीं भी कचरे के ढेर ना लगने पाए।