25 किलो बारूद की अनुमति दुकानों में थे छह गुना पटाखे

मामला सामाजिक न्याय परिसर के पटाखा बाजार में लगी आग का
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दुकानों को लाइसेंस देने वाले अधिकारी सवालों के घेरे

अक्षरविश्व न्यूज: उज्जैन। सामाजिक न्याय परिसर के पटाखा बाजार में लगी आग ने उन अधिकारियों को सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है, जिन्होंने अनुमति दी और जांच नहीं की। 40 दुकानों में पटाखे रखे थे और दो में आग लगी। यदि सभी दुकानें चपेट आती तो पुराने शहर का क्या आलम होता।
फायर ब्रिगेड की दमकल भी तमाशबीनों में शामिल थी। दूसरी दमकल ने आकर आग बुझाई। चरक अस्पताल के सामने से गुजर रहे प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रात 12 बज कर 57 मिनट पर चार-पांच पटाखों का शोर सुनाई दिया। इसके बाद तो पटाखों के शोर ने थमने का नाम ही नहीं लिया। आग भड़की और पहली दुकान खाक हुई, इसकी चपेट में दूसरी दुकान भी आ गई और यह भी आग बरसाने लगी।
दूसरी दमकल ने पाया आग पर काबू
सामाजिक न्याय परिसर में एहतियात के तौर पर फायर ब्रिगेड ने एक दमकल खड़ी रहती थी लेकिन इसे भी वीआईपी डयूटी में भेज दिया गया था। आग लगने के करीब 30 मिनट बाद दमकल पहुंची और उसने अन्य दुकानों को आग की चपेट में आने से बचाया।
वाहनों में ले जा रहे थे बचे हुए पटाखे
अग्निकांड के बाद मंगलवार सुबह दुकानें समेटने के लिए दुकानदार आ चुके थे। वाहनों के जरिये पटाखे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जा रहे थे। बचे पटाखों से जाहिर था कि यहां 25 किलो से ज्यादा पटाखे स्टोर किए गए थे। जब बचे हुए पटाखों को मात्रा इतनी थी तो बिके कितने होंगे, यह बड़ा सवाल है। अनुमति जारी करने वालों ने पलट कर नहीं देखा कि कौन व्यापारी कितने पटाखे बेच रहा है। कितने पटाखे स्टोर कर रहा था।
100 दुकानों को मिली थी अनुमति
पटाखों की दुकानों के लिए एडीएम की ओर से लाइसेंस जारी किया जाता है। एक दुकान के लिए २५ किलो बारुद रखने की अनुमति होती है। दीपावली के दिन शहर में जबरदस्त आतिशबाजी हुई। सामाजिक न्याय परिसर में सौ दुकानें लगाने की अनुमति जारी हुई थी। यानी अधिकांश पटाखे बिक चुके थे।
अग्निकांड के बाद भी अफसर नहीं पहुंचे
अक्षर विश्व की टीम ने सुबह देखा कि 38 दुकानों से पटाखे समेटे जा रहे थे। इस दौरान कोई अधिकारी मौके पर नही था, जो यह देख सके कि किस दुकानदार के पास कितना माल बचा है। यानी अधिकारियों ने अपने आपको सिर्फ लाइसेंस देने तक ही सीमित रखा, निरीक्षण करने तक नहीं । जानकारी के मुताबिक एक दुकान में सौ से लेकर डेढ़ सौ किलो तक पटाखे थे। गनीमत है कि दो ही दुकानों ने आग पकड़ी।









