दोस्तों की दगाबाजी से डिप्रेशन में आया था MCA का स्टूडेंट, फांसी लगाकर दी जान

प्राधिकरण में क्लर्क पिता बोले…एक्रोपोलिस कॉलेज में पढ़ता था बेटा, दोस्तों ने प्रोजेक्ट से नाम हटा दिया था

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

उज्जैन। इंदौर के कॉलेज में पढऩे वाले होनहार छात्र ने दोस्तों की धोखेबाजी से कॉलेज जाना छोड़ दिया और दो माह बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

ऋषि नगर में रहने वाला 21 वर्षीय वात्सल्य पिता संजय व्यास एक्रोपोलिस कॉलेज इंदौर में एमसीए फाइनल वर्ष का छात्र था। उसके पिता विकास प्राधिकरण में सहायक ग्रेड 2 के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने बताया कि दो माह पहले कॉलेज से एक प्रोजेक्ट मिला था जिसको बनाने के लिए 5 छात्रों की टीम बनाई थी।

वात्सल्य होनहार था। उसने लीड करते हुए स्वयं ही प्रोजेक्ट तैयार कर दिया। उसमें टीम के पांच सदस्यों के नाम लिखे, लेकिन दोस्तों ने वात्सल्य का नाम हटा दिया। उसने विरोध किया तो धमकाने लगे। बेटा डिप्रेशन में आ गया और कॉलेज जाना छोड़ दिया। उसने टीम में शामिल सार्थक बदेडिय़ा, सिद्धार्थ जैन से संपर्क भी किया। वह लोग बेटे को धमकाते रहे।

पढ़ाई का बोलकर गया था: दोस्तों की धोखेबाजी से डिप्रेशन में रहने वाले वात्सल्य को परिजन ने समझाया तो वह फिर से पढ़ाई में जुटा। बुधवार सुबह पढ़ाई करने प्रगति नगर स्थित मकान पर गया। व्यास ने बताया बेटा दोपहर में खाना खाने ऋषिनगर स्थित घर भी आया और फिर चला गया था। उसने शाम 7 बजे लौटने की बात कही थी, लेकिन वापस नहीं आया। रात 10 बजे उसके मोबाइल पर कॉल किया। उसने फोन रिसीव नहीं किया।

दरवाजा तोडक़र देखा लटका था फंदे पर

संजय व्यास ने बताया कि वात्सल्य घर नहीं आया तो चिंता होने लगी। उसे देखने प्रगति नगर गए। दरवाजा अंदर से बंद था। कमरे में मोबाइल की रिंगटोन बज रही थी। बेटा फोन रिसीव नहीं कर रहा था। दरवाजा तोडक़र देखा बेटा फांसी के फंदे पर लटका था। उसने पोछा लगाने के कपड़े से फांसी लगाई थी।

इंदौर के दोस्त प्रताडि़त नहीं करते तो बच जाती जान

संजय व्यास के अनुसार वात्सल्य इकलौता पुत्र था। बचपन से ही होनहार था। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहता था। आगे की पढ़ाई के लिए उसका इंदौर के कॉलेज में एडमिशन कराया था। वह कॉलेज की बस से अपडाउन करता था। प्रोजेक्ट को लेकर टीम के दोस्तों से विवाद की बात उसने घर में बताई थी। दोस्तों से बातचीत करने की सलाह हमने दी। वात्सल्य ने कई बार दोस्तों से बात की लेकिन वह बेटे को प्रताडि़त करते रहे।

Related Articles