रुद्रसागर की चार कुटिया में ध्यान लगाया था ‘शिव’ ने

By AV NEWS

अक्षरविश्व बता रहा है कुटियाओं की हकीकत

  • 5 अक्टूबर 2023 को लोकार्पण हो गया था
  • देखरेख के अभाव में जर्जर हो रही हैं कुटिया
  • कुटियाओं को सुधारने में बड़ी राशि खर्च होगी
  • जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया
  • स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट लिमिटेड ने किया था निर्माण
  • कलेक्टर सवाल करें जिम्मेदार अफसरों से

नरेंद्र सिंह अकेला |उज्जैन। महाकाल वन की चार कुटिया की हालत अब खराब है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5 अक्टूबर 2023 को न सिर्फ इन कुटियाओं का लोकार्पण किया, बल्कि ध्यान भी लगाया था। सोशल मीडिया पर ध्यान खूब चर्चित हुआ। चौहान को यहां आनंद की अनूभूति हुई थी।

जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया और पूरे देश में चर्चा हुई थी। उसी प्रकार रुद्रसागर में बनाई गई चार कुटियाओं की राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई। लोग कुटिया देखने के लिए आने लगे। लोगों को यह कुटिया अच्छी लगी। इसकी निर्माण कला आकर्षण का केंद्र रही।

ऐसा महसूस किया गया जैसे गुरुकुल में गुरु जी अपनी कुटिया में ध्यान लगाते थे, वह लोक शैली में घास-पूस, बांस-बल्ली और टहनियों से बनी होती थी। उसी प्रकार इन कुटियाओं को उसी शैली में आकार देने का प्रयास किया गया है। देखरेख के अभाव में कुटियाओं ने दम तोड़ना शुरू कर दिया है।

हालत खराब है कुटियाओं की

स्मार्ट सिटी के काम कैसे होते हैं, इसकी सच्चाई जानना है तो रुद्रसागर के पास बड़ा गणेश मंदिर के सामने जाइए। आपको वहां कुटियाएं नजर आएंगी। कुटियाओं की हालत देखकर आप समझ जाएंगे कि निर्माण कैसा हुआ है। कुटिया की घास-फूस की छत पूरी खराब हो गई है। काली पड़ गई है। जर्जर हो चली है। यानी अब वह काम मांग रही है। एक तो बनाने में लाखों रुपए खर्च हुए अब इसकी साज-संभाल पर फिर बड़ी राशि खर्च होगी। कुल मिला कर पैसे का अपव्यय।

शराब की बोतलें भी हैं यहां

आपको जब समय मिले तब कुटियाओं का निरीक्षण जरूर करें। यहां आपको शराब की बोतलें भी मिल जाएंगी। शराब पीने वाले खाली शराब नहीं पीते। वे अपने साथ नमकीन इत्यादि लाते हैं। उज्जैनियों की भाषा में इसे खार मंजन कहते हैं। आपको यहां खार मंजन के खाली पैकेट भी मिल जाएंगे। जाहिर है कि यहां शराबखोरी भी होती है। अक्षरविश्व की टीम ने इस पूरे इलाके का दौरा किया और पाया कि इसे देखने वाला कोई नहीं है।

नशेड़ी स्वीच ही ले गए

स्मार्ट सिटी की ओर से जिस ठेकेदार ने इस बनाया उस समय तो सबकुछ ठीक था। अब आलम यह है कि यहां रात के समय नशेड़ियों का आना-जाना शुरू हो जाता है। बिजली के स्वीच की कीमत कोई ज्यादा नहीं होती, लेकिन बदमाश इसे भी निकाल कर ले गए। लाइट फिटिंग की गई थी। कई जगह से तार उखाड़ लिए गए। कुटिया तक जाने के लिए पाथ-वे बनाया गया था। यहां आकर्षक लाइट लगाई गई थी। आप जाकर देखेंगे तो पता चलेगा कि उसे भी निकाल दिया गया है। कुल मिला कर जिन्हें नुकसान पहुंचाना है वे आ रहे हैं और कुटियाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

स्मार्ट सिटी प्राजेक्ट में बनी हैं कुटियाएं

महाकाल लोक के दूसरे फेस में स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने कुटियाओं का निर्माण किया है। इसे बनाने का उद्देश्य यही है कि यहां आने वाले लोग ध्यान लगाएं और आनंद ग्रहण करें। रुद्रसागर के एक छोर पर किए गए निर्माण और इसके आसपास का क्षेत्र इसकी सुंदरता को चार चांद लगाता है।

मुख्यमंत्री के सपनों को तोड़ रहे हैं जिम्मेदार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन का कायाकल्प चाहते हैं। अब तक इतनी योजनाएं एक साथ कभी नहीं आई जो अब आई हैं। चौतरफा विकास की बयार बह रही है। आवागमन के साधन और रास्ते सुगम किए जा रहे हैं। वे चाहते हैं राष्ट्र के मानचित्र पर उज्जैन का नाम अंकित हो। वे चाहते हैं कि अधिकारी योजनाओं को क्रियान्वित करें।

जो बन गया है उसकी देखरेख करें। आश्चर्य की बात है कि हमारे अधिकारियों ने लाखों रुपए खर्च कर कुटियाएं बना तो दी, लेकिन इसे पलट कर देख नहीं सके। कलेक्टर उन अधिकारियों को कटघरे में खड़ा करें जो जिम्मेदार हैं। सीएम तक यह बात पहुंचे कि यहां के अधिकारियों ने कुटियाओं की हालत खराब कर दी। वैसे तो सीएम तक यहां की जानकारी पहुंच ही जाती है, लेकिन बड़ी राशि का मामला है। जब तक लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब ऐसे निर्माण कार्यों की दुगर्ति होती रहेगी।

जब उद्घाटन हो गया तो क्या दोबारा कराएंगे?

तत्कालीन मुख्यमंत्री जब 5 अक्टूबर को इन कुटियाओं का उद्घाटन कर चुके हैं तो क्या इनका दोबारा उद्घाटन कराया जाएगा। स्मार्ट सिटी के अधिकारी क्या चाहते हैं यह वही जाने लेकिन सच्चाई यही है कि कुटियाओं की हालत खराब हो रही है।

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