सडक़ हादसे में मृत पिता को बेटी ने दी मुखाग्नि
आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज ने भर्ती नहीं किया, अमलतास अस्पताल में दम तोड़ा
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। चंदन भैया के नाम से मशहूर चंदन सिंह परिहार का सफर समाप्त हो गया। पूरा जीवन संघर्ष में बीता लेकिन जीवटता ऐसी कि किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया। आगर रोड पर किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी, पलट कर यह तक नहीं देखा कि जिसे टक्कर मारी है उसका हाल क्या हुआ है। एक सप्ताह तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ी, अंतत: जिंदगी हार गई। अब इस परिवार के सामने संकट है जीवन जीने का। तीन बेटियां हैं। एक का विवाह हो चुका है। दो बेटियों के साथ वैधव्य जीवन जीते हुए उस महिला को पहाड़ जैसी जिंदगी का सफर पूरा करना है।
चंदन सिंह परिवार के पिता बिनोद मिल में थे। इसलिए उस समय बिनोद मिल की चाल में मकान मिल गया। कालांतर में पिता चल बसे। इस इधर चाल पर जेसीबी चली और अब कॉलोनी आकार ले रही है। चंदन अपनी बेटियों को लेकर मकान की तलाश में भटकता रहा। सुदामा नगर में किराए का मकान लिया। भरण पोषण के लिए सब्जी का ठेला लगाया। स्वभाव ऐसा कि जिससे मिला उसे अपना बना लिया। कुछ दिनों पहले ही सुरासा मल्टी में आसरा मिला। परिवार वहां
रहने लगा।
आरडी गार्डी से कुछ दूरी पर टक्कर मारी
सप्ताह भर पहले आरडीगार्डी से कुछ दूरी पर चंदन को किसी वाहन ने टक्कर मार दी। वाहन चालक रुक कर यदि १०८ को फोन कर देता तो जान बच जाती, ऐसा लोगों का कहना था। बहरहाल, भीड़ में से किसी ने घायल पड़े चंदन का मोबाइल उठाया और अंतिम कॉल पर फोन लगा कर बताया कि चंदन हादसे का शिकार हुआ है। तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसे आरडीगार्डी ले जाया गया। वहां प्राथमिक इलाज कर रवाना कर दिया गया। इंदौर भंडारी अस्पताल ले गए। वहां भी इलाज नहीं हुआ। अमलतास देवास में भर्ती कराया गया। यहां पांच दिन बाद चंदन की मौत हो गई।
तीन बेटियां हैं चंदन की
चंदन की तीन बेटियां है। बड़ी बेटी का विवाह हो चुका है। दो छोटी बेटियां हैं। चक्रतीर्थ पर वैदिका ने पिता को मुखाग्नि दी। दोनों बेटियां अभी पढ़ाई कर रही हैं। पंच लकड़ी के बाद हुई शोक सभा में मनोज गरेवाल ने कहा कि चंदन सिंह के परिवार को आज समाज के उन लोगों की जरूरत है जो सामाजिक कार्यों में रुचि लेकर गरीबों की मदद करते हैं। दोनों बेटियां अभी पढ़ाई कर रही हैं। उनकी पढ़ाई और विवाह के अलावा माता के लिए रोजगार की व्यवस्था करना चाहिए। सभी मिल कर विचार करेंगे तो एक गरीब परिवार का भला हो जाएगा। अमय सिंह ठाकुर ने कहा कि जिला प्रशासन और रेडक्रास से भी आर्थिक मदद दिलाने की दिशा में प्रयास करना चािहए। अन्य लोगों ने भी कहा है कि चंदन के परिवार की न सिर्फ आर्थिक बल्कि रोजगार रूपी मदद करनी चाहिए।