महाकाल मंदिर अन्नक्षेत्र में नहीं बदलेगा मीनू

बुफे सिस्टम का रखा था कर्मचारियों ने प्रस्ताव, कलेक्टर की ‘ना’

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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर के अन्नक्षेत्र में फिलहाल खाने का मीनू नहीं बदलेगा। कर्मचारियों ने कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के सामने बुफे सिस्टम का प्रस्ताव रखा था जिसे कलेक्टर ने फिलहाल ‘ना’ कह दिया है। ऐसे में अब तक जो मीनू तय है उसी के मुताबिक श्रद्धालुओं को भोजन परोसा जाएगा।

दरअसल, कलेक्टर ने 5 दिसंबर को अन्नक्षेत्र का निरीक्षण किया था। साथ ही कर्मचारियों से बैठक भी की थी। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों को कैसे भोजन करवाया जाए, इस संबंध में सुझाव मांगे थे जिस पर कर्मचारियों ने बुफे सिस्टम का प्रस्ताव रखा था। कर्मचारियों का कहना था कि अभी रोटी-सब्जी, दाल-चावल और एक मीठा परोसा जाता है।

इसकी जगह छोले-चावल, राजमा-चावल, कढ़ी-खिचड़ी, बाजरे की खिचड़ी का मीनू रखा जाए। बुफे सिस्टम होने से ज्यादा से ज्यादा लोग भोजन कर सकेंगे। हालांकि, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने इस प्रस्ताव को ना कह दिया। उनका कहना था बैठक व्यवस्था ही उत्तम है। इसमें श्रद्धालु आराम से भोजन करते हैं।

356  व्यक्तियों को हायर करें

सूत्रों के मुताबिक कलेक्टर ने कर्मचारियों से कहा था कि 365 दिनों के लिए 365 व्यक्तियों को हायर करें जो एक दिन के लिए अन्नक्षेत्र का खर्च उठा सकें। इसके लिए उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाए, भस्मार्ती करवाई जाए, ई-कार्ट से महाकाल लोक घुमाया जाए। इसके अलावा अन्नक्षेत्र में ऐसे लोग हों जो पैसों से ज्यादा सेवा को महत्व दें।

श्रद्धालुओं को मिलते हैं टोकन

भगवान महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु अन्नक्षेत्र के लिए मंदिर परिसर के निर्गम द्वार और श्री महाकाल महालोक के सप्तऋषि के समीप बने काउंटर से टोकन प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद वह टोकन दिखाकर भोजन कर सकते हैं।

अभी ऐसी है व्यवस्था

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित नि:शुल्क अन्नक्षेत्र के दो मंजिला भवन में ग्राउंड फ्लोर पर 370 व्यक्तियों की बैठक क्षमता है। दूसरी मंजिल पर भी 370 व्यक्ति भोजन कर सकते हैं। इस तरह एक बार में 740 श्रद्धालु भोजन कर सकते हैं। अन्नक्षेत्र सुबह 11.30 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है।

अन्नक्षेत्र से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एक श्रद्धालु को भोजन करने में करीब 40 मिनट का समय लगता है। इसके मान से देखा जाए तो 8 घंटे में करीब 6 हजार श्रद्धालु भोजन कर सकते हैं। शाम 5 से 6 बजे तक अन्नक्षेत्र की सफाई और भोजन बनाने के कारण अन्नक्षेत्र बंद किया जाता है।

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