ऑटो वाले समझे लाश पड़ी है, पुलिस ने देखा तो नशे में धुत्त महाकाल मंदिर समिति का कर्मी था

By AV NEWS

गले में मंदिर समिति का फर्जी कार्ड मिला जिससे हुई पहचान, मंदिर समिति की ड्रेस भी पहन रखी थी

अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। महाकाल मंदिर परिसर में एक ही चर्चा थी कि कलेक्टर ने जब रुपए लेकर दर्शन कराने का मामला पकड़ा तब पंचक था क्या? कारण यह है कि उस दिन के बाद से लगातार कुछ न कुछ घटनाएं घट ही रही हैं।

अब एक ताजा मामला प्रकाश में आया है। हुआ यूं कि महाकालेश्वर मंदिर स्थित पुलिस प्री-पेडबूथ के सामने ऑटो स्टैंड के पीछे ऑटो चालक बात कर रहे थे इन्हीं में से एक की नजर सुलभ काम्पलेक्स की दीवार के पास गई। वह चिल्लाया देखो सामने लाश पड़ी है। ऑटो चालक कौतूहलवश वहां पहुंचे।

थाने पहुंचकर बोले ड्राइवर… लाश पड़ी है

ऑटो चालक महाकाल थाने पहुंचे और पुलिस को बताया कि सुलभ कॉम्पलेक्स की दीवार के पास अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी है। यह सुनकर थाने में बैठे पुलिसकर्मी चौंक गए। चीता पार्टी को सूचना दी गई। चीता पार्टी के जवान मौके पर पहुंचे। इधर महाकाल थाने के प्रधान आरक्षक नागेंद्र मकवाना भी यहां आ गए। उन्होंने बेसुध पड़े हुए व्यक्ति को हिलाया। तब पता चला कि वह जिंदा है।

एम्बुलेंस से पहुंचाया अस्पताल

शराबी को लेकर ऑटो चालक अस्पताल जाने को तैयार नहीं थे। पुलिस ने मंदिर समिति कर्मचारियों को फोन पर सूचना दी। मंदिर समिति की एम्बुलेंस यहां आई और नशे में धुत्त कर्मचारी को चरक अस्पताल पहुंचाया। खास बात यह कि अस्पताल लाने से पहले मंदिर के कर्मचारियों ने उसके गले से कार्ड निकाल लिया था।

गले में कार्ड डाला था

जो व्यक्ति जीवित पाया गया उसके गले में महाकाल मंदिर प्रशासक का एक कार्ड मिला जिस पर संजय सिंह ठाकुर लिखा हुआ है। जिला दंडाधिकारी और कलेक्टर साहब लिखा है लेकिन किसी के हस्ताक्षर नहीं हैं। इसी कार्ड पर लिखा है मध्यप्रदेश शासन जिला प्रोटोकॉल अधिकारी। यानी यह कार्ड प्रथम दृष्टया फर्जी है। कारण यह है कि इस कार्ड पर आईडी और जावक नंबर अंकित नहीं हैं न ही किसी जिम्मेदार अफसर के हस्ताक्षर हैं।

ऑटो में बैठाया तो लुढ़क गया

पुलिस की मदद से शराबी को ऑटो में बैठाया गया तो वह लुढ़क गया। वह नशे में इतना धुत्त था कि उसे यह भान नहीं था कि वह कहां है कि किसके सामने क्या बोल रहा है। न उसने अपना नाम बताया न परिचय दिया। हां गालियां जरूर दी। यहां खड़े लोगों में से कुछ ने उसकी पहचान मंदिर समिति कर्मचारी के रूप में की और बोले कि यह व्यक्ति रोजाना शराब पीकर यहां से गुजरता है।

प्रशासक बोले… हमने सस्पेंड किया था

शराबी के बारे में अक्षर विश्व ने महाकाल मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ से बात की। उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया। धाकड़ का कहना था कि यह पूरा मामला उनके संज्ञान में आया है। संबंधित कर्मचारी के बारे में लगातार सूचनाएं मिलती थीं कि वह शराब पीकर मंदिर आता है। लिहाजा 7 दिन पहले उसे निलंबित कर दिया गया था।

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