नगर निगम में भी फिर हुआ टेंडर का खेल, विज्ञप्ति के हिसाब से भुगतान हुआ तो भारी भरकम रकम खर्च होगी
- वार्ड 25 की पार्षद राठौर ने बताई पूरी योजना
- रात में जो होता है, उसे बयां नहीं कर सकते
- पुलिस को बताने के बाद भी नहीं हटते वाहन
- शहरों के दो हिस्सों को जोड़ने वाली सड़क सुंदर बनेगी
अक्षरविश्व न्यूजउज्जैन। नगर निगम ने एक टेंडर जारी किया है। विज्ञप्ति क्रमांक 2389 है। ऑन लाइन टेंडर फॉर्म की कीमत 500 रुपए रखी गई है। अंतिम तिथि 15 जनवरी 2024 निर्धारित की गई है। जिस तरीके से यह टेंडर जारी किया गया है उसमें बड़ा खेल नजर आ रहा है। यदि खेल नहीं है तो यह लापरवाही भी हो सकती है।
माधव कॉलेज से लगी दीवार के नीचे जो फुटपाथ बना हुआ है उसे तोड़ने की राशि 21,64,662 बताई गई है। इसी राशि को लेकर भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई है। विज्ञप्ति में कहीं नहींं लिखा गया है कि इतनी बड़ी राशि से और क्या होगा। जानकारों का कहना है कि यदि फुटपाथ तोड़ने के लिए ही इतनी बड़ी राशि दी जाएगी को नगर निगम की आर्थिक हालत दयनीय हो जाएगी।
नगर निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों भी कर्मचारियों को बरसाती और छाते वितरित करने के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। यह विज्ञप्ति उस समय जारी की गई जब मौसम गर्मी का था। यानी साल भर पहले। विज्ञप्ति चर्चित रही। खबर यहां तक आई कि खरीदी हो चुकी है। विज्ञप्ति अब इतनी विलंब से जारी हुई है। इस संबंध में किसी भी अधिकारी ने कोई बयान जारी नहीं किया। अब नई विज्ञप्ति सुर्खियों में है। इस विज्ञप्ति के अनुसार माधव कॉलेज की वह दीवार जो चामुंडा माता मंदिर के सामने और प्रेम छाया से लगी है उसे तोड़ना है। तोड़ने के लिए २१ लाख से ज्यादा दिए जाएंगे। ऐसा विज्ञप्ति बता रही है। अक्षर विश्व को शहर के कुछ जानकारों ने विज्ञप्ति बताई और सवाल खड़े किए।
पार्षद ने बताई पूरी योजना
वार्ड नंबर 25 की पार्षद योगेश्वरी राठौर से जब टेंडर को लेकर बात की गई तो वह भी चौंक गईं। उन्होंने बताया कि सदन में उनके द्वारा प्रस्ताव रखा गया था। बताया गया था माधव कॉलेज की दीवार से लगा हुआ जो फुटपाथ है वह अश्लीलता का अड्डा बनता जा रहा है। वहां के हालात शब्दों में बयां नहीं किए जा सकते। लिहाजा, फुटपाथ तोड़ कर वहां चैंबर बनाए जाएं। नीचे नाला है। चैंबर बनाने से उन लोगों से मुक्ति मिलेगी जो फुटपाथ का दुरुपयोग कर रहे हैं। दीवार का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। यह ऐसा रास्ता है जो शहरों को जोड़ता है। पूरे कार्य पर २१ लाख से ज्यादा की राशि खर्च होगी। टेंडर की विज्ञप्ति देखना पड़ेगी। सिर्फ तोड़ने के लिए इतनी राशि खर्च नहीं होगी।
मुफ्त का भोजन और फिर…
पार्षर्द ने बताया कि मां चामुंडा मंदिर समिति द्वारा गरीबों को भिक्षुकों को भोजन कराया जाता है। इनमें से कुछ लोग फुटपाथ पर बैठ कर भोजन करते हैं और उसे गंदा कर देते हैं। भीख में मिली राशि से नशा करते हैं और रात में अश्लील हरकतें होती हैं। इसे बंद करना जरूरी है। इंदौर में कलेक्टर ने भिक्षुकों के खिलाफ अभियान चलाया। अब यह आदेश भी हो गए हैं कि जो भिखारियों को भीख देगा उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
सड़क इसलिए चौड़ी नहीं की
प्रेम छाया वाली गली को चौड़ा करने के लिए जनप्रतिनिधियों को लंबा संघर्ष करना पड़ा। अस्पताल के मकान तोड़े गए। तब जाकर यह सड़क चौड़ी हुई है। आलम यह है कि यहां कुछ लोगों ने अपने वाहन खड़े कर रखे हैं। इस सड़क को अघोषित पार्किंग बना दिया गया है। पार्षद का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में पुलिस प्रशासन को अवगत कराया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह वाहन यहां से हटाना चाहिए ताकि लोगों को आने-जाने में दिक्कत न हो।