एमपीपीएससी के दफ्तर के बाहर पिछले चार दिनों से चल रहा आंदोलन रविवार तड़के 4 बजे आखिरकार समाप्त हो गया है। सुबह छात्रों को पुलिस द्वारा जाने के लिए कह दिया। इसके बाद उम्मीदवार अपना सामान लेकर जाते हुए दिखाई दिए।
रात तीन बजे कलेक्टर आशीष सिंह धरना स्थल पर स्टूडेंट्स से मिलने पहुंचे। करीब दो घंटे की बैठक के बाद छात्र आंदोलन खत्म कर मुख्यमंत्री मनमोहन सिंह से मिलने के लिए भोपाल पहुंचे।
सीएम मोहन यादव ने अधिकतम पोस्ट, पीएससी की भर्ती प्रक्रिया में सुधार और 87/13 का निराकरण आदि मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। साथ ही प्रदेश की सभी भर्ती प्रोसेस में सुधार करने का आश्वासन दिया। MPPSC के ऑफिस के सामने करीब दो हजार से अधिक छात्र चार दिनों से डटे हुए थे।
क्या थीं छात्रों की मांग?
छात्रों की प्रमुख मांग थी कि 2019 से मुख्य परीक्षा की कॉपी दिखाई जाएं और मार्कशीट जारी की जाए। राज्य सेवा 2025 में 700 से ज्यादा और वन सेवा में 100 पदों पर वैकेंसी निकाली जाए। एमपीपीएससी में यूपीपीएससी की तरह सुधार किया जाए। साथ ही 87/13 फार्मूला खत्म कर 100 फीसदी भर्ती रिजल्ट का प्रावधान किया जाए।
18 दिसंबर से शुरू हुआ था आंदोलन
अपनी मांगों को लेकर छात्र 18 दिसंबर से सुबह प्रदर्शन कर रहे थे। उम्मीदवारों का कहना था कि जब तक उन्हें आयोग द्वारा लिखित में आश्वासन नहीं दिया जाता तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं, शनिवार रात को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार उम्मीदवारों से मिलने पहुंचे।
उन्होंने स्टूडेंट्स की मांगों को जायज बताया और कहा कि सरकार को जल्द मांग पूरी करनी चाहिए। उमंग सिंघार ने एडीएम रोशन राय से बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि छात्रों की मांगों को लेकर आपको सरकार से बात करनी चाहिए।
आमरण अनशन पर बैठे दो छात्र
उमंग सिंघार ने आमरण अनशन पर बैठे दो छात्रों से मुलाकात की। गुरुवार रात से आमरण अनशन पर बैठे अरविंद भदौरिया का स्वास्थ्य शनिवार को बिगड़ गया और बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें ड्रीप चढ़ाई गई। भदौरिया के साथ छात्र नेता राधे जाट आमरण अनशन पर बैठे।
कांग्रेस नेता सिंघार ने कहा, ‘अभ्यर्थियों की मांग वाजिब है। सीएम मोहन यादव को इनसे बात करनी चाहिए। क्या परेशानी हैं कॉपी दिखाने में। पारदर्शिता होना चाहिए। जिस प्रकार इंटरव्यू में गड़बड़ियां हो रही हैं। इसे तत्काल बंद होना चाहिए।’