किसानों को सोलर से मिलेगी बिजली, सिंहस्थ के लिए बनेगा 29 किमी लंबा घाट
मोहन यादव सरकार की कैबिनेट बैठक गुरुवार को हुई। जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध से जुड़ी 19 योजनाओं में से 16 को मंजूर किया गया है।
पार्वती-कालीसिंध परियोजना की लागत करीब 35 हजार करोड़ रुपये है। इससे गुना, शिवपुरी, मुरैना, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, धार, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़ जिलों के 3,217 ग्रामों को लाभ मिलेगा।
विजयवर्गीय ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य को पूरी तरह सिंचित करने के लिए प्लान बनाने का निर्देश अफसरों को दिया है। कैबिनेट में फैसला लिया गया कि आदिवासी क्षेत्रों के लिए सरकार नई योजना लाएगी। जिन क्षेत्रों में 50 फीसदी आदिवासी आबादी है। वहां योजना लागू होगी। सरकार ने फैसला लिया कि योजनाओं का लाभ आदिवासियों को दिलाया जाएगा। इस फैसले के 52 जिलों के आदिवासियों को लाभ मिलेगा।
उज्जैन महाकुंभ पर फैसला
कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि उज्जैन महाकुंभ के लिए 29 किलोमीटर का घाट बनाया जाएगा। यह शनि मंदिर से शुरू होकर रामघाट तक बनाया जाएगा। इस पर सरकार 71 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
मोहन यादव कैबिनेट ने लिए ये फैसले
सिंहस्थ महाकुंभ के लिए 29 किलोमीटर घाट बनेगा।
आदिवासी आबादी के लिए योजना बनाई जाएगी। धरती आवा जनजाति ग्राम उत्कर्ष योजना लागू होगी।
सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को पूरा लाभ मिले इससे सुनिश्चित किया जाएगा।
11 केवी के फीडर को सोलर प्लांट से जोड़ा जाएगा।
सोलर परियोजना पर प्रति मेगावाट चार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
किसानों को 100 फीसदी बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है।
मध्यप्रदेश को पूरी तरह सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य में पंचायतों में अटल सेवा ग्रामीण सदन बनाए जाएंगे। समस्याओं के समाधान के लिए काम होंगे।