महाकाल की मार: विनोद और राकेश के डिजीटल ट्रांजेक्शन और बयान के बाद
- महाकाल मंदिर समिति का कर्मचारी रितेश फरार
- अब तक कितनी राशि ली, पता लगाएगी पुलिस
- क्या अन्य लोगों को भी राशि का हिस्सा देते थे
- समिति के कर्मचारियों तक श्रद्धालुओं को कौन लाते थे
महाकाल की मार
भ्रष्टाचार का अंत
अक्षरविश्व|”उज्जैन। बाबा महाकाल का तीसरा नेत्र खुलने के बाद मंदिर में दर्शन के नाम पर भ्रष्टाचार करने वालों की सूची में इजाफा हो गया है। दो प्रमुख आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद छह नाम और जुड़ गए हैं।
महाकाल मंदिर में दर्शन के नाम पर श्रद्धालुओं से रुपए वसूलने और मंदिर की आय को हड़पने के आरोपी दो कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जिन 6 आरोपियों के नाम एफआईआर में बढ़ाए हैं उनमें से पांच को हिरासत में ले लिया है। एक आरोपी फरार है। इन्होंने पूरी योजना के साथ ठगी कर मंदिर की आय को प्रभावित किया और अपने आपको संपन्न बनाया।
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव से मिली डिजिटल जानकारी के आधार पर प्रोटोकॉल प्रभारी अभिषेक भार्गव, सभा मंडप प्रभारी राजेंद्र सिसौदिया, आईटी सेल प्रभारी राजकुमार सिंह और भस्मार्ती प्रभारी रितेश शर्मा का नाम एफआईआर में दर्ज किया गया है। 6 आरोपियों में से रितेश शर्मा फरार है।
इसके अलावा, मंदिर में आउटसोर्स कंपनी क्रिस्टल के दो कर्मचारी ओमप्रकाश मालवीय और जितेंद्र परमार पर भी एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है। आरोपियों के मोबाइल जब्त कर उनसे अन्य जानकारी हासिल की जा रही है। विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव को गुरुवार को रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
धाकड़ का जाना प्रशासनिक प्रक्रिया
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह इस पूरे मामले के वे नक्षत्र हैं जिनकी चमक से विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव की आंखें चौंधिया गई और वे जेल की चार दीवारी के पीछे चले गए। उनका कहना है कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
दोनों के मोबाइल ने राज खोले ठगी के
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव के मोबाइल डेटा, वॉट्सएप चैटिंग और डिजीटल ट्रांजेक्शन के आधार पर इस ठगी के गिरोह का खुलासा हुआ। इस पूरे मामले में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। अभी और भी नाम सामने आ सकते हैं। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि इन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस को बताएंगे इस तरह करते थे खेल
भस्मार्ती प्रभारी रितेश शर्मा पुलिस को बताएगा कि उसके पास श्रद्धालु कौन लाते थे। स्वयं कितनी राशि रखता था। सभा मंडप प्रभारी कितनी राशि लेकर श्रद्धालुओं को प्रवेश दिलाता था। आईटी सेल प्रभारी अपने कक्ष में बैठ कर किस तरह श्रदलुओं को प्रवेश दिलाता था। एक श्रद्धालु से उसे कितनी राशि मिलती थी। उसके काम का तरीका क्या रहता था। प्रोटाकॉल प्रभारी अभिषेक भार्गव की मंदिर में किससे सेटिंग थी। वह कितनी राशि लेकर अपसी योजना को अंजाम देता था। यह सभी कितने समय से भ्रष्टाचार कर रहे थे। अब कितने रुपए कमा चुके हैं। क्या इनके साथ किसी और की भी मिलीभगत थी।
नए प्रशासक का फैसला भोपाल से : छह नाम सामने आए हैं। इन सभी से गहन पूछताछ की जाएगी। पता लगाया जाएगा कि ये किस तरह अपनी योजना को अंजाम देते थे। राकेश और विनोद के डिजीटल ट्रांजेक्शन से बहुत सी बातें सामने आ गई हैं। प्रशासक गणेश धाकड़ की रवानगी के बारे में कलेक्टर ने कहा कि यह सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है। अब मंदिर समिति के नए प्रशासक कौन होंगे? इसका फैसला अभी नहीं हो पाया है। कलेक्टर का कहना है नए प्रशासक का फैसला भोपाल से होगा या स्थानीय पर, अभी यह देखना है।