उज्जैन। पुलिस की शंका और डॉक्टर के मंतव्य से पूरा मामला उलट गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सच्चाई की राह दिखा दी। मामला हत्या का निकला। भाई ही आरोपी निकला। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है। गौरतलब है कि ढांचा भवन में रहने वाले राहुल चंद्रावत को उसके परिजन गंभीर हालत में चरक अस्पताल लेकर गए।
यह मामला 24 दिसंबर का है। उसकी मौत हो गई। परिजन ने पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया। चरक अस्पताल से चिमनगंज मंडी पुलिस को पूरा मामला बताया गया। पुलिस ने हस्तक्षेप किया और शव का पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट में बताया गया चोट गिरने से नहीं लगी है। पुलिस के लिए इतना सुराग काफी था।
पूरे मामले की सघनता से जांच की गई। बयान लिए गए। बयानों से साबित हुआ कि राहुल के साथ उसके ही बड़े भाई नरेश ने मारपीट की थी। उसकी मारपीट का परिणाम यह निकला कि उसकी मौत हो गई। पुलिस नरेश के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करते हुए उसे हिरासत में ले लिया।
इस मामले में यदि पुलिस ने तत्परता नहीं दिखाई होती और पोस्टमार्टम नहीं कराया होता तो पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगता। परिजन तो अंतिम संस्कार की तैयारी में लगे हुए थे। पुलिस का कहना है कि राहुल की हत्या को लेकर टीम घटना के दिन से जांच में जुटी हुई थी। क्षेत्र के लोगों से भी बात कर रही थी। उसी के आधार पर जब परिजन के बयान हुए तो सच्चाई सामने आ गई।