एसपी के निर्देश पर बनी टीम ने नागपुर से पकड़ा प्रकाश को
मंदसौर में भी उज्जैन जैसी वारदात को अंजाम दिया था गिरोह ने
गिरोह के मुखिया आकाश को पकड़ने के लिए पुलिस ने जाल बिछाया
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। महाश्वेता नगर में रहने वाले कर सलाहकार अजेश अग्रवाल के लिए एक अच्छी खबर है। पांच दिसंबर को उनकी कार से 7 लाख रुपए नकद और २ लाख रुपए के डॉलर चुराने वाले गिरोह का एक साथी पुलिस की पकड़ में आ गया है। इस गिरोह का मुखिया अभी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए माधव नगर पुलिस ने अपना जाल फैला दिया है।
गौरतलब है कि अजेश अग्रवाल अपने विवाह की सालगिरह मनाने के लिए बाली जाने वाले थे। इसके लिए उन्होंने अपने आपको तैयार करने के लिए फ्रीगंज स्थित एक सैलून को चुना। कार चालक संदीप यादव को लेकर वे सैलून पहुंचे। उनकी कार में एक बैग रखा था जिसमें 7 लाख रुपए और 2 लाख के डॉलर रखे हुए थे। अजेश सैलून में दाढ़ी-कटिंग बनवा रहे थे। कार चालक कार में बैठा गीत सुन रहा था। इसी बीच एक युवक संदीप के पास आया और बोला- तुम्हारी कार से ऑइल टपक रहा है। संदीप उसकी बातों में आ गया। कार से उतरा और ऑइल देखने लगा। पलटकर आया तो देखा कार की पिछली सीट से बैग गायब था। माधवनगर पुलिस को यह सूचना दी गई।
कई सीसीटीवी खंगाले
माधवनगर पुलिस के लिए दिनदहाड़े हुई यह घटना चुनौती थी। पुलिस ने फ्रीगंज इलाके के कई सीसीटीवी फुटैज खंगाले, कहीं से कोई सूत्र नहीं मिल रहा था। साइबर सेल की मदद ली गई। पता चला कि दो-तीन लोग थे, जो उस दिन फ्रीगंज इलाके में कारों के आसपास घूम रहे थे। इसके बाद पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने थाना प्रभारी के नेतृत्व में दो दल बनाए। इन दलों ने शहर के आसपास के इलाकों में खोजबीन शुरू की।
सोचा नहीं था इतनी राशि होगी
प्रकाश ने पुलिस को बताया कि वारदात के दिन उनका गिरोह फ्रीगंज में तफरीह कर रहा था। कई कारों को देखा गया। कहीं से कोई माल नहीं मिला। इसी बीच अजेश अग्रवाल की कार पर नजर गई। उस कार पर नजर रखी गई। पता चल गया था कि कार में एक बैग रखा है। यह नहीं पता था कि उस बैग में इतनी बड़ी रकम रखी गई है। माधवनगर थाना प्रभारी का कहना है कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कार के बैग से निकाली गई रकम किस तरह बांटी गई, इसका खुलासा बहुत जल्द किया जाएगा। प्रकाश को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में पेश किया जाएगा।
मंदसौर से सूत्र मिला
थाना प्रभारी राकेश भारती ने बताया कि हमारी टीम इस कांड के आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार कोशिश कर रही थी। इसी बीच पता चला कि मंदसौर में भी उज्जैन जैसी ही वारदात हुई है। यहीं से सूत्र मिला और पुलिस नागपुर तक पहुंच गई। वहां से प्रकाश पुत्र लक्ष्मण को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसने यह भी बताया कि इस प्रकार की वारदात करने वाला एक गिरोह है। इसका मुखिया आकाश है। दो अन्य साथी भी हैं। सभी मिलकर वारदात को अंजाम देते हैं।