प्यार का एहसास बेहद खूबसूरत होता है. जब वैलेंटाइन वीक आता है तो हवाएं प्यार की खुशबू से महक उठती हैं. वैलेंटाइन वीक के 5वें दिन यानी 11 फरवरी को प्रॉमिस डे मनाया जाता है. इस दिन कपल अपने रिश्ते के विश्वास की डोर को मजबूत करने के लिए एक-दूसरे से कई तरह के वादे करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसी तारीख को प्रॉमिस डे क्यों बनाया जाता है और इसके पीछे का इतिहास क्या है?
हर रिश्ते में वादा जरूरी
कोई भी रिलेशनशिप इज्जत, भरोसे और कमिटमेंट पर चलता है. जिन कपल्स के बीच सच्चा प्यार होता है, वह हमेशा खुद से और अपने पार्टनर से प्यार को निभाने का वादा करते हैं. प्रॉमिस केवल कपल्स के बीच ही नहीं, बल्कि दोस्तों, पैरेंट्स, भाई-बहनों से भी किया जा सकता है. वादा करने से रिश्ते में सम्मान बढ़ता है और यह दूसरे के प्रति अपनी भावनाओं को जाहिर करने का भी अच्छा तरीका है.
11 फरवरी को ही क्यों मनाते हैं यह दिन
भारत समेत पूरी दुनिया में 11 फरवरी के दिन ही प्रॉमिस डे मनाया जाता है. यह दो लोगों के बीच की बॉन्डिंग और प्यार को मजबूत बनाने का दिन है. प्रॉमिस डे मनाने का चलन प्राचीन रोम से शुरू हुआ था. यहां के लोग लुपरकेलिया नाम का उत्सव मनाते थे. इसमें पुरुष और महिला हिस्सा लेते थे जिससे उनकी फर्टिलिटी बढ़े और वह माता-पिता बन सकें. साथ ही यह फेस्टिवल बुरी आत्माओं को दूर भगाने के लिए भी मनाया जाता था. दरअसल फरवरी के महीने को प्यार और फर्टिलिटी से जोड़ा गया है. वहीं ईसाई समुदाय के लोग 11 फरवरी को तीसरी शताब्दी के रोमन संत वैलेंटाइस से जोड़कर देखते हैं. वह इस दिन उनसे कई तरह के वादे करते हैं.
प्रॉमिस भी है एक तरह का मेनिफेस्टेशन
आजकल सोशल मीडिया की वजह से कई लोग मेनिफेस्ट करने लगे हैं. प्रॉमिस भी मेनिफेस्टेशन ही है जिसमें लोग एक-दूसरे से भविष्य का वादा करते हैं और उसे पूरा करने की इच्छा के साथ आगे बढ़ते हैं. वादे कई तरह के होते हैं. जो वादे प्रेमी करते हैं या शादी के बंधन में बंधने के दौरान किए जाते हैं उन्हें solemn promise कहते हैं. वहीं वादों को प्रतीज्ञा और शपथ भी कहा जाता है लेकिन यह शब्द पॉलिटिकल भाषा में इस्तेमाल होते हैं. भगवान की प्रार्थना करना या दुआ मांगना भी वादे के तहत आता है.
वादे से रिश्ते में पड़ता पॉजिटिव असर
वादा इंसान की विश्वसनीयता को बढ़ता है. जब हम किसी से कुछ वादा करते हैं तो रिलेशनशिप को मजबूती मिलती है और पॉजिटिव असर पड़ता है. इससे व्यक्ति की पर्सनैलिटी भी पॉजिटिव बनती है. लेकिन अगर कोई वादा नहीं निभाता है तो इसका असर दिलों-दिमाग पर नेगेटिव पड़ता है. वादे वही करने चाहिए जो निभाए जा सकें. प्रॉमिस एक ऐसा धागा है जो भले ही दिखता नहीं हो लेकिन दो लोगों को आपस में जोड़कर रखता है.