दर्दनाक: महाकुम्भ जाने के लिए जुटी थी भारी भीड़, प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 16 के एस्कलेटर के पास हादसा
नईदिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 1४ महिलाएं, तीन तीन बच्चे शामिल हैं। हादसे में 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रयागराज जाने के लिए स्टेशन पर भारी भीड़ जुटी थी। रेलवे बोर्ड ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलिस उपायुक्त (रेलवे) की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रयागराज एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 14 पर खड़ी थी।
प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर बनारस सुपरफास्ट स्पेशल खड़ी थी। वहीं, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस देरी से चल रही थीं। इन दोनों ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफार्म नंबर 12, 13 और 14 पर मौजूद थे। भीड़ और बढऩे पर प्लेटफार्म नंबर 14 और प्लेटफार्म नंबर 16 के एस्केलेटर के पास अचानक भगदड़ मच गई।
वो कारण… जिससे हालात बिगड़े और जानें गईं
प्रयागराज स्पेशल ट्रेन, भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी एक्स. तीनों ही प्रयागराज जाने वाले थीं। दो ट्रेनें भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी लेट थीं। इन तीनों ट्रेनों की भीड़ प्लेटफॉर्म-14 पर थी। जब प्रयागराज स्पेशल ट्रेन यहां पहुंची, तभी अनाउंस हुआ कि भुवनेश्वर राजधानी प्लेटफॉर्म नं. 16 पर आ रही है। सुनते ही 14 पर मौजूद भीड़ 16 की तरफ भागी। कई लोग टिकट काउंटर पर थे। इनमें 90 प्रतिशत प्रयागराज जाने वाले थे। अचानक ट्रेन आने का अनाउंसमेंट हुआ तो लोग बिना टिकट प्लेटफार्म की तरफ भागे। इससे भगदड़ मची। दो वीकेंड से कुंभ जाने वालों की भीड़ हो रही थी, पर स्टेशन प्रशासन ने कोई कंट्रोल रूम नहीं बनाया। शनिवार को भी शाम 7 बजे से भीड़ बढऩे लगी थी, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
हर तरफ जूते और चप्पल बिखरे थे…
भगदड़ के बाद हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं। एक वीडियो में साफ दिख रहा है कि सीढिय़ों पर जूते-चप्पल और कपड़े बिखरे हुए थे, दूसरे वीडियो में दिख रहा था कि कुछ यात्री सीढिय़ों और फर्श पर बेहोशी की हालत में पड़े थे। कुछ लोग बेहोश यात्रियों की हवा कर रहे थे, तो कुछ उन्हें सीढिय़ों से उठाकर नीचे की ओर ला रहे थे। रेलवे पुलिस और फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक 15 लोगों को मृत अवस्था में लाया गया।
इनमें 10 महिलाएं, तीन बच्चे थे।
चश्मदीदों के बयान…पुलिस वाले बोल रहे थे कि जान बचानी है तो लौट जाइए
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्टेशन पर इतनी भीड़ थी कि पैर रखने की जगह नहीं थी। ट्रेन में लोग ठूंसे हुए थे। चुनिंदा पुलिस वाले दिख रहे थे। पुलिस वाले लोगों से बोल रहे थे कि जान बचानी है तो लौट जाइए। आप लोगों के पैसे नहीं गए हैं। आपकी जान बची है। प्रयागराज जा रहे प्रमोद चौरसिया बताया कि मेरे पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के स्लीपर का टिकट था। लेकिन इतनी भीड़ थी कि कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस पा रहे थे। वहां इतनी धक्का-मुक्की थी कि हम जैसे-तैसे भीड़ से बाहर निकल सके।