घटना के 18 दिन बाद देसाई नगर के गौड़ की इलाज के दौरान मौत

डीजे बजाने के दौरान हुआ था प्राणघातक हमला
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उज्जैन। देसाईनगर में सडक़ पर जन्मदिन मनाने के दौरान डीजे बजाने पर हुए विवाद में गंभीर रूप से घायल शख्स की 18 दिन बाद इलाज के दौरान निजी अस्पताल में मंगलवार रात मौत हो गई। वह वेंटिलेटर पर थे। माधवनगर पुलिस ने बुधवार सुबह शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों के हवाले कर दिया। परिजनों का कहना है घटना के इतने दिन बीतने के बाद भी पुलिस चाकू मारने वाले तीनों फरार आरोपियों को अब तक पकड़ नही सकी है। बताया जा रहा है कि मृतक के परिजनों ने कंट्रोल रूम पर प्रदर्शन भी किया।
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दरअसल, घटना का मुख्य आरोपी स्वयं त्रिपाठी है। वह आदतन बदमाश है और पहले से ही उस पर 3-4 मामले दर्ज हैं। वह अड़ीबाजी के मामले में घटना से कुछ दिन पहले ही जेल से छूटकर आया था। 31 जनवरी की रात वह साथियों के साथ मिलकर देसाईनगर में जोर-जोर से डीजे बजाते हुए अपना जन्मदिन मना रहा था। इस पर पास में रहने वाला अंकित गौड़ ने डीजे की आवाज धीमी करने को कहा।
यह सुन स्वयं और उसके साथियों भडक़ गए और गुंडागिर्दी करते हुए जबरन अंकित के घर में घुस गए। यहां उन्होंने अंकित सहित जोगेंद्र सिंह गौड़, विजय गौड़, रोहित गौड़, सुमित गौड़ से मारपीट की। इसमें 58 साल वर्षीय जोगेंद्र पिता पूरन सिंह गौड़ गंभीर घायल हो गए थे। जिसे देखते हुए माधवनगर पुलिस ने धारा 307 और हत्या के प्रयास की धारा का इजाफा किया था। मामले में पुलिस ने स्वयं त्रिपाठी और डीजे संचालक देव प्रताप सिंह राठौर को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसके बाद वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने 4 आरोपी वैभव, हिमांशु, जग्गू पासी और एक बाल अपचारी को पकड़ा था। इनमें से बाल अपचारी को सुधारगृह और शेष को जेल भेज दिया था।
परिजन बोले- जिन्होंने चाकू मारे, वही फरार
मामले में मृतक के भतीजे दीपक सिंह ने बताया कि घटना के वीडियो वायरल हुए थे। जिसमें धु्रव झाला, राज मेहता ओर तरुण गिरी चाकू मारते दिखाई दे रहे हैं लेकिन यह तीनों आरोपी ही घटना के इतने दिन बाद भी माधवनगर पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सके हैं।
पूर्व से चल रहा विवाद
दरअसल, स्वयं त्रिपाठी का पास में रहने वाले अंकित गौड़ और उनके परिवार से विवाद चल रहा है। दोनों परिवारों के बीच करीब 7-8 माह पूर्व भी विवाद हुआ था जिसमें क्रॉस कायमी हुई थी।