उल्टा चश्मा कभी सीधा नहीं होगा… महाकाल नगरी भी दिखेगी!

By AV NEWS

एक्टर तनुज महाशब्दे (अय्यर भाई) टीम के सामने रखेंगे प्रस्ताव

सुधीर नागर|उज्जैन। तारक मेहता का उल्टा चश्मा में महाकाल नगरी के दृश्य भी आने वाले समय में दिखाई दे सकते हैं। सीरियल में अय्यर भाई का किरदार निभाने वाले एक्टर तनुज महाशब्दे प्रस्ताव अपनी टीम के सामने रखेंगे कि इसकी शूटिंग उज्जैन और महाकाल मंदिर में भी हो सके।

एक साक्षात्कार में अय्यर ने कहा उल्टा चश्मा कभी सीधा नहीं होगा, क्योंकि इसी में इसका आनंद है।अय्यरभाई के रूप में अपनी एक्टिंग से पूरे देश में लोकप्रिय हो चुके तनुज महाशब्दे रियल लाइफ में इतने सरल और सादगी पसंद हैं कि उन्हें देख लोग दंग रह जाते हैं। मध्यप्रदेश स्थित गृहनगर देवास के राजाराम नगर में अपने पिता पुरुषोत्तम महाशब्दे के साथ कुछ दिन गुजारने आए अय्यरभाई ने शनिवार को कहा महाकाल नगरी उज्जैन से उनका खास लगाव रहा है। उनके पिता उज्जैन में एसीपी क्राइम के पद पर काम कर चुके हैं और इसी पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

सरल और सादगी में बेमिसाल

यह सभी जानते हैं कि अय्यर भाई के रूप में ख्यात एक्टर तनुज महाशब्दे इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद एक्टिंग की दुनिया में पहुंच गए, लेकिन रियल लाइफ में सरल और सादगी पसंद हैं। आज भी वे कॉलोनी में सादगी से रहते हैं। शनिवार को मंदिर में शादी टीशर्ट और स्लीपर में पहुंचे तो लोग चकित रह गए। छोटा सा घर है, जिस पर कोई नाम नहीं लेकिन यहां कभी भी कोई आसानी से अंदर जा सकता है और उनसे मिल सकता है। अक्षरविश्व टीम जब उनसे मिलने पहुंची तो वे खाना खा रहे थे। पिता बाहर आए और सम्मान के साथ अंदर ले गए।

अय्यर भाई से बातचीत के अंश

1. जो माता पिता के चरणों में झुक गया, उसे कहीं झुकना नहीं पड़ता

तनुज महाशब्दे ने कहा जो माता पिता के चरणों में झुक गया, उसे कहीं झुकना नहीं पड़ता। जब भी समय मिलता है वे देवास में अपने पिता से मिलने आते हैं और उनके साथ समय गुजारते हैं।

2. अभी तो मैं पोपटलाल हूं…

तनुज महाशब्दे ने अपनी शादी को लेकर सहज भाव से कहा अभी तो रियल लाइफ में मैं ही पोपटलाल हूं। दरअसल, अभी उनका विवाह नहीं हुआ है और वे कुंवारे हैं। वे कहते हैं पिता भी मेरे लिए लडक़ी देख रहे हैं।

3. ममता कुलकर्णी की बात अलग है, पर जीवन एक आध्यात्मिक यात्रा है

ममता कुलकर्णी द्वारा संन्यास लेकर महामंडलेश्वर बनने के सवाल पर कहा उनकी बात अलग है, लेकिन जीवन की यात्रा में अध्यात्म ही है। हम अच्छे मार्ग पर चलें, यही सबसे बड़ा धर्म है।

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