श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्मार्ती के नाम पर महाराष्ट्र की महिलाओं से फिर ठगी

By AV NEWS

कोशिशें नाकाम, मंदिर में ठगी पर नहीं लग रही लगाम

कुछ समय पहले कलेक्टर ने पकड़ा था फर्जीवाड़ा, मामले के कई दोषी अभी जेल में

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में तमाम कोशिशों के बाद भी ठगी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक बार फिर रविवार को महाराष्ट्र के पुणे की महिला श्रद्धालुओं के साथ भस्मार्ती के नाम पर ठगी हुई। इसकी सूचना उन्होंने मंदिर समिति सदस्य को दी जिसके बाद मामला सामने आया।

इधर, ठगी के बाद श्रद्धालु थाने पहुंचे, उन्होंने शिकायती आवेदन भी दिया लेकिन जिस शख्स ने दर्शन करवाने का वादा किया था उसने श्रद्धालुओं को रुपए लौटा दिए। इससे पहले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने भी दर्शन करवाने के नाम पर चल रहा फर्जीवाड़ा पकड़ा था जिसमें मंदिर से जुड़े कई लोगों की संलिप्तता पाई गई थी जिसके बाद कुछ जेल में तो 4 अब भी फरार हैं। हालांकि, रविवार को हुई घटना के बाद पता चलता है कि ठग अब भी सक्रिय हैं।

दरअसल, पुणे से विद्या भूमकर, मोनिका पायगुडे, रेशमा जगताप और ऋतुजा बाल मुढ़े रविवार दोपहर 2:30 बजे महाकाल मंदिर पहुंची थीं। दर्शन के बाद उनकी इच्छा भस्मार्ती में शामिल होने की थी। इसी दौरान महाकाल मंदिर प्रबंध समिति सदस्य राजेंद्र शर्मा वहां से गुजरे, महिलाओं ने उन्हें भस्मार्ती के लिए अनुरोध किया।

इस पर शर्मा ने कहा कि वह प्रयास कर सकते हैं और उनके आधार कार्ड व नंबर ले लिए। उन्होंने कहा अनुुमति मिलती है तो मंदिर की ओर से आपके मोबाइल पर शाम तक लिंक आएगी उस पर क्लिक कर आप प्रति टिकट निर्धारित 200 का भुगतान कर दें। उन्होंने श्रद्धालुओं को आगाह किया कि इसके अलावा एक भी रुपया कोई मांगे तो ना दें, यदि कोई ऐसा करे तो मुझे या मंदिर कार्यालय को शिकायत करें।

महिलाओं ने शाम 7 बजे तक इंतजार किया लेकिन लिंक नहीं आई तो उन्होंने अपने रिश्तेदारों से बात की जिसके बाद रिश्तेदारों ने दीपक वैष्णव नामक शख्स से बात की और 3 पास के 8500 रुपए मांगे। महिलाओं ने रिश्तेदारों को गूगल-पे के माध्यम से रुपए भेज दिए लेकिन भस्मार्ती की लिंक नहीं आई। इधर, राजेंद्र शर्मा ने अनुमति बनाकर महिलाओं के नंबर पर भेज दी। जिसे उन्होंने 800 रुपए का भुगतान कर डाउनलोड कर ली।

उन्होंने दीपक वैष्णव से रुपए मांगे लेकिन रिस्पॉन्स नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने राजेंद्र शर्मा को पूरी हकीकत बताई। इसके बाद उन्होंने महिला श्रद्धालुओं को महाकाल थाने में शिकायत करने को कहा जिसके बाद श्रद्धालु वहां पहुंचे और शिकायती आवेदन दिया। इसके बाद पुलिस ने जब दीपक वैष्णव के नंबर 99819-46577 पर बात की तो उसने रुपए लौटा दिए। हालांकि, जब दीपक वैष्णव से उनके नंबर पर संपर्क किया तो वह स्वीच ऑफ का संदेश देता रहा।

होर्डिंग्स लगाकर की औपचारिकता….. महाकाल मंदिर प्रशासन ने मंदिर परिसर में कुछ जगह और शक्तिपथ स्थित महाकाल लोक के प्रवेश द्वार पर भस्मार्ती के बोर्ड लगा रखे हैं। इसमें से कुछ होर्डिंग्स पर भस्मार्ती से संबंधित निर्देश के साथ टोल फ्री नंबर 18002331008 और कंट्रोल रूम नंबर 0734-2551295 लिखे हैं तो कुछ पर नहीं। हालांकि, इनकी संख्या काफी कम है, केवल इन्हें लगाकर छोड़ दिया है, जानकारी देने वाला कोई नहीं जिससे श्रद्धालु भटकते हैं।

जब तक सिस्टम से ऊपर व्यक्ति रहेगा, व्यवस्था नहीं बनेगी

महाकाल मंदिर भक्तों का आस्था का केंद्र बिंदु है। दीपक वैष्णव ने महाराष्ट्र के श्रद्धालुओं के साथ जो किया उससे पता चलता है कि इसमें वह अकेला नहीं बल्कि और भी लोग शामिल हैं। हमने कई बार मीटिंग में भस्मार्ती की पूरी जानकारी और नंबर लिखे स्थायी साइन बोर्ड हर उस जगह लगाने को कहा है जहां से श्रद्धालुओं का मूवमेंट होता है। जब तक सिस्टम से ऊपर व्यक्ति रहेगा तब तक व्यवस्था बन नहीं पाएगी। जब सिस्टम सबसे ऊपर होगा तब व्यवस्थाएं बनने लगेंगी। शासन, प्रशासन, अधिकारी-कर्मचारी के साथ शहरवासियों का भी दायित्व है कि बाहर से आने वाले भक्तों का शोषण रोकें और वह यहां से अच्छी यादें लेकर लौटें, ऐसा कुछ ना हो। – राजेंद्र शर्मा, सदस्य, महाकाल,मंदिर प्रबंध समिति

पुलिस और श्रद्धालु ने क्या कहा….

महाकाल पुलिस का कहना है कि रुपए लौटाने के कारण श्रद्धालुओं ने रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई। उनके बीच समझौता हो गया है।

वहीं शिकायतकर्ता विद्या भूमकर ने बताया कि हमने थाने में शिकायती आवेदन दिया है, रुपए जरूर मिल गए हैं लेकिन इस संबंध में कोई समझौता नहीं किया।

महाकाल दर्शन के नाम पर धोखाधड़ी में शामिल चार इनामी अब भी फरार

महाकालेश्वर मंदिर में लोगों को दर्शन कराने के नाम पर धोखाधड़ी का मामला 19 दिसंबर को कलेक्टर ने पकड़ा था। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह मंदिर दर्शन करने पहुंचे तो नंदी हॉल में कुछ अनाधिकृत लोगों को देखा। उनसे नंदी हॉल में आने की जानकारी मांगी। लोगों ने उन्हें बताया कि पुजारियों को रुपए देकर प्रवेश किया है। कलेक्टर सिंह ने 6 लोगों को थाने पहुंचाया और एडीएम को जांच के आदेश दिए। जांच ऐसी चली कि एक दर्जन से अधिक आरोपी बने।

माना जा रहा था कि दर्शनों के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली गैंग का सफाया हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं है। अब भी सुरक्षाकर्मी व अन्य ड्यूटी में लगे लोग श्रद्धालुओं से दर्शनों के नाम पर रुपए वसूल रहे हैं। कलेक्टर ने नंदीगृह से योगेश भाई जम्बूरिया, हर्षल पिता योगेश और जीनलबेन पति योगेश सहित नीलेश कुमार निवासी बस्ती, मनोज कुमार, अजय कुमार को अनाधिकृत रूप से दर्शन करते पकड़ा था। उन्होंने पुजारी राजेश भट्ट और कुणाल शर्मा को रुपए देकर नंदीगृह से दर्शन, पूजन व अभिषेक की बात बताई।

कलेक्टर सिंह ने एडीएम से मामले की जांच कराई जिसमें प्रोटोकॉल अधिकारी, मंदिर समिति कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी सहित एक दर्जन से अधिक लोगों की गैंग का पर्दाफाश हुआ था। स्थिति यह बनी कि मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ का अन्यत्र ट्रांसफर हुआ और नए प्रशासक की नियुक्ति हुई।

इसी मामले में आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने आशीष शर्मा, मंदिर समिति सदस्य रहे दीपक मित्तल, पंकज शर्मा, विजेन्द्र यादव के खिलाफ भी धोखाधड़ी का केस दर्ज किया। उक्त लोगों की तलाश में पुलिस ने घर व संभावित स्थानों पर दबिश दी लेकिन उनका सुराग हाथ नहीं लगने पर पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने फरार आरोपियों की गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया। हालांकि उक्त आरोपी अब भी फरार हैं।

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