निजी जमीन बचाने के लिए फिल्टर प्लांट पर संकट!

ताबड़तोड़ तोड़ी जल यंत्रालय की बाउंड्रीवाल, तार फेंसिंग भी की
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निगम और पीडब्ल्यूडी के बीच सहमति बनने से पहले काम शुरू
अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। हरिफाटक ओवरब्रिज से जीवाजी वेधशाला के सामने से चिंतामन ब्रिज होते मुरलीपुरा तक फोरलेन रोड के लिए पीएचई के गऊघाट फिल्टर प्लांट की जमीन पर ताबड़तोड़ काम शुरू करने से निगम के जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी हैरान परेशान हैं, क्योंकि इस मुद्दे पर कोई सहमति बनने से पहले ही यह काम शुरू कर दिया गया। चर्चा है कि एक प्रभावशाली व्यक्ति की निजी जमीन बचाने के चक्कर में पीडब्ल्यूडी ने ताबड़तोड़ काम शुरू कर दिया। यह मामला जोर पकड़ सकता है।
फोरलेन को सीधा बनाने की जगह पीडब्ल्यूडी द्वारा फिल्टर प्लांट की जमीन पर बनाने का काम तेज गति से शुरू कर दिया गया है और इसके लिए प्लांट की बाउंड्रीवाल तोडक़र वायर फेंसिंग भी कर दी गई है। प्लांट के कर्मचारियों और अधिकारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया है कि पूर्व निर्धारित जगह से ज्यादा जमीन पर फेंसिंग कर दी गई है। इससे चर्चा यह भी सामने आई है कि वेधशाला के पास एक निजी संपत्ति है।
इसे फोरलेन से बचाने के लिए पूरी ताकत लगाई जा रही है। इसी कारण प्लांट तरफ की जमीन पर ताबड़तोड़ काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि इस मुद्दे पर महापौर मुकेश टटवाल और निगम अधिकारियों ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ बैठक कर फोरलेन को सीधा बनाने पर बात की थी। संशोधित योजना पर सहमति बनने से पहले काम शुरू कर देने से निजी जमीन बचाने की चर्चाओं को बल मिल रहा है।
निगम आयुक्त तक पहुंचा मामला
यह मामला निगम आयुक्त आशीष पाठक के पास भी पहुंचा है। इसको लेकर महापौर टटवाल ने निगम आयुक्त से चर्चा की है। हालांकि इस मामले में निगम प्रशासन ने अभी तक कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया है। फोरलेन का काम शुरू होने के बाद इसे बदलना मुश्किल हो सकता है। इससे विभाग पर 7 करोड़ 17 लाख रुपए का अतिरिक्त खर्चा आएगा। इसको लेकर भाजपा के कुछ जनप्रतिनिधि भी नाराज हैं, लेकिन उन्हें भी तवज्जो नहीं मिल रही।